पंजाब नैशनल बैंक के भगोड़ा अपराधी नीरव मोदी के मामले की तरह का कमोबेश एक और बैंक घोटाला सामने आया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मोहित कंबोज, उसकी कंपनी अव्यान ओवरसीज के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है। उस पर पर आरोप है कि उसने 2013 से 2018 के बीच बैंक ऑफ इंडिया के साथ कथित तौर पर फर्जीवाड़ा
किया है।
सीबीआई के मुताबिक, ‘साजिश की तहकीकात करने पर पता चला है कि कंपनी के लिए तथाकथित तौर पर 60 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा की मंजूरी दी गई और बैंक ने इसे जारी कर दिया। यह ऋण सीमा हासिल करने के बाद आरोपी कंपनी ने रकम को दूसरे काम में इस्तेमाल किया और दावों के समर्थन में जाली और मनगढंत दस्तावेज तैयार कर लिए।’
इसके बारे में बिजनेस स्टैंडर्ड को प्रतिक्रिया देते हुए मोहित कंबोज ने कहा, ‘मैं पहले ही मार्च 2019 में बैंक ऑफ इंडिया से अपने पर कोई बकाया नहीं होने का प्रमाणपत्र हासिल कर चुका हूं। मुझे नहीं पता कि पूरी तरह से बकायों के भुगतान के ढाई साल बाद बैंक ने यह शिकायत क्यों दर्ज कराई है। उनसे गलती हुई है। फिर भी, मैं सीबीआई जांच में सहयोग करूंगा, क्योंकि मुझे उन पर पूरी तरह से भरोसा है।’
बुधवार को केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले के सिलसिले में मुंबई में कंबोज के आवास से लेकर पांच ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया।
सीबीआई ने कहा, ‘आरोपी के घर से लेकर उसकी कंपनी तक के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाई गई है जिसमें संपत्ति के कागजात, ऋण, विभिन्न बैंक खातों की जानकारियां और लॉकर की चाबी सहित कुछ निश्चित दोषी ठहराने वाले दस्तावेज मिले हैं।’
यह कार्रवाई बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से आभूषण निर्माता कंपनी अव्यान ओवरसीज, इसके प्रबंध निदेशक और भाजपा नेता मोहित कंबोज, इसके निदेशकों, कुछ मध्य स्तर के बैंककर्मियों और अन्य के खिलाफ बैंक ऑफ इंडिया से लिए गए 67 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाओं के संबंध में तथाकथित धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और आधिकारिक पद के दुरुपयोग की शिकायत पर एजेंसी की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी (एफआईआर) के आधार पर की गई।
सीबीआई के मुताबिक बैंक को 2015 में आभूषण कंपनी के लिए मंजूर किए गए ऋण सुविधा की जांच के दौरान कुछ निश्चित अनियमितताओं के बारे में पता चला था।
इसके आधार पर बैंक ने ईऐंडवाई की ओर से नियुक्त लेखाकारों से फॉरेंसिक ऑडिट करवाया था जिसने मार्च 2017 में अपनी रिपोर्ट दी थी।
