ब्रिटेन और ब्राजील में क्लीनिकल परीक्षणों के अंतरिम विश्लेषण में एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफर्ड के टीके के नतीजे सकारात्मक रहे हैं और विभिन्न खुराक में यह 90 फीसदी तक कारगर साबित हुआ है। सूत्रों के मुताबिक वैश्विक परीक्षणों के आंकड़े दिसंबर अंत तक भारतीय नियामक को सौंपे जाएंगे और एस्ट्राजेनेका का विनिर्माण साझेदार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) तब तक भारत से जुड़े अंतरिम आंकड़े भी सौंप देगी।
मरीजों को टीके की आधी खुराक और फिर एक महीने बाद पूरी खुराक देने पर यह 90 फीसदी प्रभावी रहा है। इस टीके के विनिर्माण की स्थापित क्षमता के हिसाब से आकलन किया जा रहा है कि लोगों को दो पूरी खुराक दी जाएगी। एस्ट्राजेनेका ने आज कहा कि 2021 में कुल एकीकृत क्षमता (साझेदारों के साथ) 3 अरब खुराक की आपूर्ति की होगी।
ऑक्सफर्ड टीका परीक्षण के मुख्य पर्यवेक्षक प्रो. एंड्रयू पोलार्ड ने कहा कि परिणाम पूरी तरह से चकित करने वाले नहीं थे, जिसका मतलब है कि कम खुराक (पहली आधी खुराक) शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को प्रारंभिक तौर पर जागरूक करती है। उन्होंने कहा, ‘छोटी खुराक देकर हमने बेहतर प्रतिक्रिया देने के लिए प्रतिरक्षा तंत्र को दुरुस्त किया था।’ दो पूरी खुराक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया दे सकती है।
हालांकि जब स्वयंसेवकों को एजेडडी 1222 (कोविशील्ड) की दो पूरी खुराक दी गई तो यह 62 फीसदी कारगर रहा। दोनों खुराक के संयुक्त विश्लेषण का नतीजा औसतन 70 फीसदी कारगर रहा। इस दौरान गंभीर सुरक्षा संबंधी मसले की भी पुष्टि नहीं हुई। कंपनी का दावा है कि दोनों ही खुराक में कोविशील्ड की वहनीयता अच्छी रही। ब्रिटेन की फर्म ने दावा किया कि कोविड-19 को रोकने में यह टीका काफी प्रभावी साबित हुआ है। टीका देने के दौरान प्रतिभागियों को कोई गंभीर समस्या या अस्पताल में भर्ती होने का मामला सामने नहीं आया है। अंतरिम विश्लेषण में कोविड 19 के कुल 131 मामले दर्ज किए गए।
अंतरिम आंकड़े ब्रिटेन और ब्राजील में दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षणों से जुटाए गए हैं। इनमें 23,000 लोगों को टीका लगाया गया था। अमेरिका, जापान, रूस, दक्षिण अफ्रीका, केन्या और लैटिन अमेरिका में भी क्लीनिकल परीक्षण किए जा रहे हैं और अन्य यूरोपीय तथा एशियाई देशों में भी परीक्षण की योजना है। दुनिया भर में कंपनी करीब 60,000 प्रतिभागियों के इस परीक्षण में शामिल होने की उम्मीद कर रही है।
एस्ट्राजेनेका के मुख्य कार्याधिकारी पास्कल सोरोट ने कहा कि आधी खुराक के आधार पर हम शुरुआती खुराक की दोगुनी क्षमता की आपूर्ति करेंगे। दस खुराक की शीशी में भी आधी खुराक भरी जा सकती है। कंपनी के वैश्विक परिचालन एवं आईटी के कार्यकारी उपाध्यक्ष पाम चेंग ने कहा कि साल के अंत तक आपूर्ति शुरू हो जाएगी। 20 साझेदारों के साथ एस्ट्राजेनेका अगले साल तक 3 अरब खुराक की आपूर्ति कर सकती है और अधिकतम मांग पर 100 से 200 खुराक प्रति माह की आपूर्ति करेगी।
एस्ट्राजेनेका ने टीके के लिए भारत, ब्राजील, रूस और अमेरिका में साझेदारी की है। कोविशील्ड टीके के भारत में परीक्षण के लिए 1,600 स्वयंसेवकों को नियुक्त किया गया है और परीक्षण का अंतिम चरण चल रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया दिसंबर तक भारतीय नियामक को परीक्षण के आंकड़े सौंप सकती है। उस समय तक एस्ट्राजेनेका भी वैश्विक परीक्षण के आंकड़े मुहैया करा सकती है। एक सूत्र ने कहा, ‘यह नियामक को निर्णय करना है कि भारतीयों को कितनी खुराक की मंजूरी दी जाए। नियामक के समक्ष सभी खुराक के आंकड़े प्रस्तुत किए जाएंगे।’ सीरम इंस्टीट्यूट 2021 में एस्ट्राजेनेका को कोविशील्ड की एक अरब खुराक की आपूर्ति करेगी। इनमें से करीब 50 फीसदी भारत के लिए होंगे। इसके अलावा सीरम कोविशील्ड तथा नोवावैक्स टीके की 20 करोड़ खुराक साझेदार गावी को देगी। सरकार के लिए कोविशील्ड टीके की कीमत 250 से 300 रुपये प्रति खुराक हो सकती है और खुले बाजार में इसकी कीमत 500 से 600 रुपये प्रति खुराक हो सकती है।
