दिल्ली में कोरोना की रफ्तार थमती दिख रही है। महीने भर बाद दिल्ली में संक्रमण के मामले 10 हजार से नीचे आ गए हैं। शुक्रवार को बीते 24 घंटे में 8,506 कोरोना मामले आए, जबकि इससे पहले 10 अप्रैल को 7,897 मामले आए थे और 11 अप्रैल को पहली बार 10 हजार से ज्यादा कोरोना मामले दर्ज किए गए थे। दिल्ली सरकार ने कोरोना के प्रकोप से अनाथ हुए बच्चों और बेसहारा हुए बुजुर्गों को आर्थिक मदद देने का भी निर्णय लिया है। दिल्ली में 13 मई को कुल 1,23,188 टीके की खुराक लगी और इस तारीख तक कुल 43,67,243 खुराक लग चुकी हैं। दिल्ली में शुक्रवार सुबह तक 18 से 44 उम्र के लोगों के लिए कोविशील्ड की 8 दिन तक का स्टॉक बचा हुआ है और कोवैक्शीन का स्टॉक खत्म हो चुका है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना से ऐसे कई बच्चे जिनके माता-पिता दोनों चल बसे, उन बच्चों की पढ़ाई और परवरिश का सारा खर्चा दिल्ली सरकार उठाएगी। जिन बुजुर्गों ने अपने घर के कमाई वाले युवाओं को खो दिया, उनका ख्याल भी दिल्ली सरकार रखेगी। केजरीवाल ने कहा कि दिल्लीवासियों ने लॉकडाउन का कड़ाई से पालन किया और उनके अनुशासित आचरण की वजह से कोरोना मामले कम हो रहे हैं। कई दिनों बाद दिल्ली में 10 हजार से कम 8,506 कोरोना मामले आए हैं और संक्रमण दर भी घटकर 12.40 फीसदी रह गई है, जबकि 22 अप्रैल को यह 36 फीसदी और कोरोना मामले 26,169 थे। कोरोना की रफ्तार धीमी पडऩे से अस्पतालों में बेड की स्थिति भी सुधर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 10 दिनों में दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना के 3,000 से ज्यादा मरीज कम हो गए हैं जिससे अस्पतालों में 3,000 से ज्यादा कोविड बेड और खाली हो गए हैं। अब कोविड मरीजों को दिल्ली के अस्पतालों में बेड मिलने में परेशानी नहीं हो रही है। हालांकि आईसीयू के बेड अभी भी भरे हुए हैं। दिल्ली में लगभग 1,200 नए आईसीयू बेड बनकर तैयार हो गए हैं और यह एक-दो दिन में चालू होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना को पूरी तरह से खत्म करने के लिए हमें लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करना है और किसी भी हालत में ढिलाई नहीं बरतनी है।
