चक्रवात तौकते की वजह से देश के पश्चिमी तटीय इलाकों में जोरदार बारिश शुरू हो चुकी है। प्राधिकारियों ने लोगों से इन इलाकों को खाली करा लिया है। गुजरात के तट पोरबंदर और महुआ (भावनगर जिला) के बीच 18 मई की सुबह तूफान दस्तक दे सकता है, जो 175 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा हवाओं की रफ्तार वाला अत्यंत तूफानी चक्रवात होगा। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अपने हाल के चक्रवात अपडेट में कहा है कि गुजरात के पोरबंदर, अमरेली, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, बोटाड, भावनगर और अहमदाबाद के तटीय इलाकों में सबसे ज्यादा तबाही की संभावना है। साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि 21 मई तक मकानों के क्षतिग्रस्त होने, बाढ़ आने, रेल सेवाओं में व्यवधान पहुंचने की संभावना है।
2021 में आया यह पहला चक्रवात राज्यों के समक्ष चुनौती है, जो पहले ही कोविड-19 के मरीज बढऩे की समस्या से जूझ रहे हैं। मौसम विभाग ने कहा कि 16 मई को दक्षिण महाराष्ट्र- गोवा और उससे सटे कर्नाटक के तटों पर हवा की रफ्तार 70-80 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 90 किमी प्रति घंटे रहने और उत्तरी महाराष्ट्र के तटोंं पर 40-50 किमी प्रति घंटे से लेकर 90 किमी प्रति घंटे रहने की संभावना है। वहीं 17 मई और 18 मई की सुबह उत्तरी महाराष्ट्र के तटवर्ती इलाकों में रफ्तार बढ़कर 65-75 किमी घंटे से 85 किमी घंटे तक पहुंच सकती है।
बहरहाल चक्रवात ने पहले ही तबाही शुरू कर दी है। कर्नाटक के मलनाड जिले के तटीय इलाकों में 4 लोगों की मौत हो गई है। कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक रविवार सुबह 7 जिलों के 73 गांवों, 17 तालुकों पर चक्रवात का असर पड़ा है। प्रभावित हुए 73 गांवों में सबसे ज्यादा 28 गांव उडुपी जिले के हैं। पड़ोसी राज्य केरल में भारीत से बहुत भारी बारिष कुछ इलाकों में हुई है जिससे राज्य के तमाम बांधों में जलस्तर बढ़ गया है। मौसम विभाग ने एर्नाकुलम, इडुक्की और मलापुरम जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी देते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। राज्य के अधिकारियों के मुताबिक कोझीकोड के बेपोर बंदरगाह से कम से कम 15 मछुआरे लापता हैं। केंद्र स्थिति की निगरानी कर रहा है और कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने प्रभावित राज्यों के शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की है। इसके पहले शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सभी प्रभावित राज्यों और तैयारियों की समीक्षा की थी।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति ने भी रविवार को विभिन्न राज्यों के साथ बैठक की और कहा कि करीब 80 आपदा प्रबंधन दल को विभिन्न राज्यों में तैनात किया गया है। सेना, नौसेना और तटरक्षकों के बचाव व राहत दल को जहाजों और विमानों के साथ तैनात किया गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अधिकारियों से कोविड-19 अस्पतालों में बिजली व अन्य मेडिकल सुविधाओं की आपूर्ति बनाए रखने को कहा है। अगले 2 दिन टीकाकरण स्थगित कर दिया गया है।
पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि तूफान के मद्देनजर मुंबई से कुछ मरीज अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बिजली व लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी भी चौकस हैं और 900 टन के ऑक्सीजन संयंत्र सुरक्षित रखने को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं।
गुजरात में बड़े तेल शोधन संयंत्र और बंदरगाह हैं जो तूफान की राह में आ सकते हैं। सबसे बड़े सरकारी बंदरगाह कांडला पोर्ट के अधिकारियों ने निचले इलाकों से करीब 5,000 लोगों को निकालने के कदम उठाए हैं। भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी समुद्री तट वाले राज्यों के पार्टी नेताओं से अनुरोध किया है कि कि वे चक्रवात प्रभावित इलाकों के लोगों को हर संभव मदद पहुंचाएं।