बच्चों के कोविड-19 टीके को जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना बन सकती है। सूत्रों के मुताबिक बूस्टर खुराक पर फैसला इसके कुछ समय बाद हो सकता है। इसकी जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘बच्चों के लिए टीकाकरण चरणबद्ध तरीके से शुरू होने की संभावना है और इसको लेकर मंजूरी मिलने की उम्मीद है क्योंकि स्कूल खुलने लगे हैं। बच्चों के लिए टीके चरणबद्ध तरीके से शुरू किए जा सकते हैं, पहला कमजोर बच्चों के लिए और फिर 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए टीके होंगे।’
हालांकि, टीकाकरण से जुड़े राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस महीने की शुरुआत में हुई बैठक में एनटीएजीआई ने दोनों बातों पर विचार-विमर्श किया था कि कैंसर के मरीज जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और बच्चों को बूस्टर खुराक दी जानी है या नहीं। अभी इसका फैसला लंबित है। उद्योग के एक सूत्र ने यह भी कहा कि बच्चों के टीकाकरण पर जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘यह फैसला कभी भी किया जा सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि जनवरी में बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू किया जाएगा।’
अब तक भारत में केवल कोविड-19 के लिए जायडस कैडिला का डीएनए टीका जायकोव-डी टीका है जिसे 12 साल से ऊपर के बच्चों को देने के लिए मंजूरी दी गई है। भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को 2 साल से अधिक उम्र के बच्चों में इस्तेमाल के लिए, विषय विशेषज्ञ समिति से मंजूरी मिल गई है लेकिन दवा नियामक की तरफ से अभी इसकी मंजूरी मिलनी बाकी है। हाल ही में एक साक्षात्कार में ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय में ग्रीन टेंपलटन कॉलेज में एक सीनियर रिसर्च फेलो शाहिद जमील ने कहा है कि बूस्टर खुराक देने में देरी की वजह से 5 प्रतिशत अधिक मौत हो सकती है।
