दिग्गज दवा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर (जाइडस कैडिला) देश में रेमडेसिविर का सबसे सस्ता ब्रांड उतारने जा रही है, जिससे यहां बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा शुरू होने के आसार हैं। कंपनी ने इस दवा का नाम रैमडैक रखा है, जिसकी एक खुराक की कीमत 2,800 रुपये है। रेमडैक अपनी निकट प्रतिस्पर्धी सिप्ला की सिपरेमी से 30 फीसदी सस्ती है।
यह दुनिया भर में रेमडेसिविर का सबसे सस्ता ब्रांड होने की संभावना है। गिलियड की रेमडेसिविर की कीमत सरकार प्रायोजित बीमाधारक मरीजों के लिए 390 डॉलर (29,000 रुपये) और निजी बीमाधारक मरीजों के लिए 520 डॉलर (38,900 रुपये) प्रति खुराक है।
कंपनी सरकार को अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से कम कीमतों पर आपूर्ति करेगी क्योंकि उसमें कंपनी की कोई वितरण लागत नहीं आएगी। कैडिला हेल्थकेयर के चेयरमैन पंकज पटेल ने कहा, ‘महामारी का समय मुनाफा कमाने का नहीं है।’ उनका मानना है कि लोगों के लिए इतनी महंगी दवाएं खरीदना बहुत मुश्किल है। रेमडैक से कोविड के इलाज के लिए छह खुराक की जरूरत होगी, जिसका कुल खर्च 16,800 रुपये आएगा।
इस समय देश में कोविड के सक्रिय मरीजों की तादाद 6.5 लाख से अधिक है। अगर यह मानकर चलते हैं कि इनमें 10 फीसदी यानी करीब 65,000 मरीजों को दवा की जरूरत होगी तो इस दवा की करीब 3,90,000 खुराक की दरकार होगी।
जाइडस ने इंजेक्शन के रूप में दी जाने वाली इस दवा की जल्द ही बाजार में बड़ी मात्रा में आपूर्ति करने की योजना बनाई है। कंपनी का मानना है कि उसे पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। हालांकि उसने उत्पादन की मात्रा के बारे में कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया।
कंपनी ऐक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट्स (एपीआई) समेत उत्पादन का पूरा काम अपने स्तर पर ही करेगी। उद्योग से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘बहुत सी कंपनियों के पास लायोफिलाइजेशन या फ्रीज ड्राइंग की सुविधा नहीं होती है। उन्हें इसकी किसी तीसरे पक्ष से आउटसोर्सिंग करनी पड़ती है। जाइडस इसलिए दाम कम रख पाती है क्योंकि उसके पास खुद की फ्रीज ड्राइंग की सुविधा है।’ फ्रीज ड्राइंग या लायोफिलाइजेशन कम तापमान पर निर्जलीकरण की प्रक्रिया है।
रेमडेसिविर और कोविड की अन्य महंगी दवाएं जैसे रोश की टोसीलिजुमैब (जिसकी भारत में बिक्री सिप्ला करती है) की कालाबाजारी हो रही है क्योंकि उनकी उपलब्धता कम है। इन दवाओं की कीमतें छह गुना तक बढ़ गई थीं। सरकार की स्थिति पर कड़ी नजर है और उसने कंपनियों से उत्पादन बढ़ाने को कहा है। औषध विभाग ने उन दवा कंपनियों के साथ बैठकें की थीं जिनका भारत में रेमडेसिविर बनाने और बेचने के लिए गिलियड क साथ लाइसेंस करार है। सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया है कि दवा विनिर्माताओं ने रेमडेसिविर की 8,15,000 खुराकों की आपूर्ति करने का वादा किया है। उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि अब आपूर्ति बढऩे लगी है और किल्लत कम हो गई है। एक विनिर्माता ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों के दौरान हमारे हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल आनी कम हो गई हैं। इससे संकेत मिलता है कि लोग जरूरत पडऩे पर रेमडेसिविर खरीद पा रहे हैं।’
कैडिला हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक शार्विल पटेल ने कहा कि रेमडैक रेमडेसिविर का सबसे सस्ता ब्रांड है। इससे मरीज कोविड के इलाज के लिए इस अहम दवा को खरीद पाएंगे। पटेल ने कहा, ‘इस महामारी में हमारा प्रयास लोगों की मदद करना रहा है। यह मदद टीका विकसित करके, अहम दवाओं एवं उपचारों का उत्पादन एवं वितरण बढ़ाकर, जांच सुविधाएं उपलब्ध कराकर या इलाज के लिए नए विकल्प तलाशकर मुहैया कराई जा रही है।’
