आर्थिक मंदी के खिलाफ मैच जीतने के लिए, चुनावी पिच पर उतरी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार (संप्रग) ने पिछले कुछ अर्से से राहतें तो दी हैं, लेकिन लगता है कि ये राहतें नाकाफी हैं।
बिज़नेस स्टैंडर्ड की साप्ताहिक प्रस्तुति व्यापार गोष्ठी में इस बार का विषय था ‘क्या दरों से छूट से मिलेगी राहत? ‘ इस प्रस्तुति में भाग लेने वाले पाठकों और विशेषज्ञों ने इस बात को स्वीकार करने में कोई गुरेज नहीं किया कि सरकार इस मामले में कुछ गंभीर नजर जरूर आ रही है।
लेकिन, बड़ी तादाद में लोगों का मानना है कि अभी कुछ और करने की गुंजाइश बाकी है। दरअसल, लोग अपनी पूंजी कहीं फंसाना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं, और ब्याज से पल्ला झाड़ रहे हैं।
