प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कच्चे तेल के उत्तरदायी मूल्य पर जोर देते हुए कहा कि भारत का लक्ष्य न्यायपूर्ण ऊर्जा पर है। वह सीईआरएवीक की ओर से आयोजित वर्चुअल इंडिया एनर्जी फोरम को संबोधित कर रहे थे। मोदी ने कहा कि भारत का मानना है कि ऊर्जा तक पहुंच निश्चित रूप से वहनीय और विश्वसनीय होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘तभी सामाजिक आर्थिक बदलाव मूर्त रूप लेता सकता है। हमारा मानना है कि ऊर्जा उन क्षेत्रों में से एक है, जो लोगों को ताकतवर बना सकता है और आगे जीवन को सुगम बना सकता है।’
इसके लिए उन्होंने तेल व गैस दोनों के पारदर्शी और लचीले बाजारपर जोर दिया। मोदी ने कहा, ‘लंबे समय से दुनिया कच्चे तेल के दाम में उतार चढ़ाव देख रही है। हमें विश्वसनीय मूल्य की ओर बढऩे की जरूरत है।’
उन्होंने कहा कि भारत घरेलू गैस उत्पादन को बढ़ावा देना चाहता है और प्राकृतिक गैस सुधार के हिस्से के रूप में बाजार मूल्य खोज को अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा, ‘प्राकृतिक गैस की ई-बोली के माध्यम से बिक्री की सुविधा देकर व्यापक बाजार स्वतंत्रता दी गई है भारत में पहला ऑटोमेटेड राष्ट्रीय स्तर का गैस ट्रेडिंग प्लेटफार्म इस साल जून में शुरू किया गया है। इससे गैस के बाजार मूल्य की खोज की मानक प्रक्रिया का निर्धारण हुआ है।’
सुधारों को जिक्र करते हुए कहा कि भारत वैश्विक ऊर्जा की मांग को गति देगा। सेरा वीक के भारत ऊर्जा मंच को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण वैश्विक ऊर्जा मांग में एक-तिहाई की कमी आई है। निवेश पर असर पड़ा है और अगले कुछ साल मांग में नरमी का अनुमान है।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन भारत की ऊर्जा खपत दीर्घकाल में दोगुनी होगी।’ मोदी ने कहा कि हमारा ऊर्जा क्षेत्र वृद्धि केंद्रित, निवेशक अनुकूल और पर्यावरण के प्रति सचेत है। भारत तेजी से स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का विकास कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘भारत जलवायु परिवर्तन से जुड़ी प्रतिबद्धता (सीओपी-21) की दिशा में आगे बढ़ रहा है। हमने 2022 तक 1,75,000 मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का जो लक्ष्य रखा है, उसको लेकर प्रतिबद्ध हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 4,50,000 मेगावॉट करने का लक्ष्य रखा है।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत उन गिने-चुने देशों में है, जहां कार्बन उत्सर्जन कम है। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में पिछले पांच साल में किए गए सुधारों का जिक्र करते हुए तेल एवं गैस खोज और उत्पादन क्षेत्र के साथ-साथ गैस विपणन क्षेत्र में बदलाव को रेखांकित किया। मोदी ने कहा, ‘भारत का ऊर्जा क्षेत्र पिछले पांच साल में तेजी से बढ़ा है।’
उन्होंने कहा कि हमारा जोर भारत को गैस-आधारित अर्थव्यवस्था बनाने का है। मोदी ने कहा, ‘हमने तेल रिफाइनिंग क्षमता मौजूदा 25 करोड़ टन से बढ़ाकर 2025 तक 45 करोड़ टन करने का लक्ष्य रखा है और इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत का ऊर्जा भविष्य उज्ज्वल अैर सुरक्षित है।
