कोरोनावायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर आज आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को विदेश से आने वाले यात्रियों की जांच बढ़ाने, होम क्वारंटीन की निगरानी करने और सभी संक्रमित नमूनों तथा उच्च जोखिम वाले देशों से आने वाले लोगों का जीनोम सीक्वेंस कराने पर ध्यान देने को कहा है। राज्यों को सूचित किया गया है कि ओमीक्रोन किस्म आरटी-पीसीआर तथा रैपिड एंटीजन जांच से पकड़ में आ सकती है, इसलिए शुरुआती चरण में ही संक्रमण का पता लगाने के लिए उन्हें जांच में तेजी लानी चाहिए।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि प्रत्येक जिले में पर्याप्त जांच सुनिश्चित की जाए और आरटी-पीसीआर अनुपात को बरकरार रखा जाए। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों तथा उच्च संक्रमण वाले स्थानों से प्राप्त सभी संक्रमित नमूनों को इन्साकॉग प्रयोगशालाओं में तत्परता से जीनोम सीक्वेंस की जांच के लिए भेजने का भी निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि विदेश से आने वाले यात्रियों की पहले दिन ही जांच की जाए और जरूरत पडऩे पर आठवें दिन फिर जांच की जाए। उच्च जोखिम वाले देशों से आए लोग यदि होम क्वारंटीन में हों तो अधिकारियों को उनके घरों पर जाकर निरीक्षण करना चाहिए। मंत्रालय ने कहा, ‘आठवें दिन जांच के बाद नेगेटिव आने वालों की भी निगरानी करने की जरूरत है।’
महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय प्रयोगशालों में 3-जीन आरटी-पीसीआर जांच किट का उपयोग सुनिश्चित कर रहे हैं ताकि विशिष्ट – एस जीन की अनुपस्थिति में भी ओमीक्रोन स्वरूप का पता लगाया जा सके। कल्याण डोंबिवली नगर निगम की चिकित्सा अधिकारी प्रतिभा पानपाटिल ने कहा, ‘अगर पुष्टि नहीं भी होती है तो यह संकेतक का काम कर सकता है कि संक्रमित के नमूने में ओमीक्रोन स्वरूप हो सकता है। अगर मामले बढ़ते हैं और एस-जीन की अनुपस्थिति वाले सैकड़ों मामले सामने आते हैं और उनकी आरटी-पीसीआर जांच का नतीजा पॉजिटिव रहता है तो हम ऐसे नमूनों को पुष्टि के लिए शीघ्रता से जीनोम सीक्वेंस के लिए भेज सकते हैं।’ राज्यों को स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा दुरुस्त करने और आईसीयू, ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर आदि की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया है। ग्रामीण इलाकों तथा बच्चों के मामले को ध्यान में रखते हुए आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। उदाहरण के लिए दिल्ली अपनी ऑक्सीजन क्षमता बढ़ा रही है। इसके साथ ही 30,000 बिस्तरों में से 10,000 बिस्तरों को आईसीयू बिस्तर के लिए अलग किया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है और कम समय में ही 27,000 बिस्तर उपलब्ध करा सकती है। राज्य सरकार ने कोविड के उपचार में आने वाली 23 दवाओं का दो महीने का स्टॉक रखने का भी आदेश दिया है। भूषण ने कहा कि उच्च जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट उपलब्ध होने तक हवाईअड्डों पर इंतजार करने के लिए तैयार रहें। मंत्रालय ने कहा, ‘टीकाकरण का दायरा और बढ़ाने की भी जरूरत है, साथ ही लोगों को कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करने पर ध्यान देना चाहिए।’
राज्यों को हवाईअड्डा स्वास्थ्य अधिकारियों और एयर सुविधा पोर्टल के साथ समन्वय करने के लिए कहा गया है। संक्रमित लोगों की सूची इस पोर्टल पर ही होगी। बैठक में नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य विनोद पॉल और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक बलराम भार्गव भी मौजूद थे।
भारत में एक भी मामला नहीं : मांडविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को संसद में बताया कि भारत में अभी तक कोरोनावायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन का एक भी मामला सामने नहीं आया है लेकिन सरकार इस पर करीब से नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि भारत पर्याप्त संसाधनों के साथ हर तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार है। हवाई अड्डों, बंदरगाहों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। उन्होंने कहा, ‘ओमीक्रोन 14 देशों में पाया गया है लेकिन भारत में अभी तक एक भी मामला नहीं आया है। ‘
