गुर्जरों के एनसीआर बंद ने चार राज्यों की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह झकझोर दिया।
गुरुवार को दिल्ली से जुड़ी हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान की परिवहन प्रणाली से लेकर रेल प्रणाली तक को अपनी सेवाएं रोकनी पड़ी।
दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों की फैक्टरियां व बीपीओ पर ताले देखे गए। दिल्ली के प्रमुख बाजारों की दुकानें तो खुली थीं पर ग्राहक नदारद थे। दूध, फल व सब्जी की आवक पर तो कोई खास फर्क नहीं देखा गया। हां, दिल्ली के राजस्थान जाने वाले फलों व अन्य सामानों की आपूर्ति जरूर बाधित रही।
बस रहीं बे-बस
आंदोलन की मार सबसे अधिक परिवहन व्यवस्था पर देखी गयी। दिल्ली से जयपुर जाने वाली डीटीसी की एक भी बस गुरुवार को रवाना नहीं हुई। राजस्थान परिवहन की भी एक भी बस गुरुवार को नहीं चली। जयपुर आने-जाने वाली सभी बसों का आंकड़ा निकालें तो दिल्ली व राजस्थान की परिवहन प्रणाली को 25 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ।
रेलवे भी रोई
राजस्थान के रास्ते दिल्ली से रवाना होने वाली 10 से अधिक रेलगाड़ियां रद्द रहीं। तो कई के मार्ग में बदलाव किया गया। रेलवे को 2 करोड़ रुपये के टिकट वापस करने पड़े।
मंडी पर मार
आजादपुर मंडी में प्याज की आवक पर सबसे अधिक प्रभाव देखा गया। प्याज की आवक में 20 फीसदी की कमी दर्ज की गयी। इन दिनों सबसे अधिक प्याज की आवक राजस्थान से हो रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाली सब्जियों की आवक में जरूर 20-30 फीसदी तक की कमी देखी गयी।
फल विक्रेताओं के मुताबिक दिल्ली की मंडियों से राजस्थान जाने वाले फलों की आपूर्ति गुरुवार को बिल्कुल नहीं हो पायी। अगर यह आपूर्ति एक-दो दिन और बहाल नहीं हो पायी तो दिल्ली में इन फलों की कीमत कम हो जाएगी या ये फल सड़ जाएंगे।
बाजार रहे बेरौनक
गुर्जर आंदोलन के कारण दिल्ली के प्रमुख बाजारों में 50 फीसदी की कम ग्राहकी रही। खासकर सदर बाजार में। सदर बाजार में दिल्ली से अधिक आसपास के शहरों के व्यापारी खरीदारी करने आते हैं।
बीपीओ को भी दंश
नोएडा, गुड़गांव व फरीदाबाद से चल रहे बीपीओ सेंटर का कामकाज प्रभावित रहा। इन सेंटरों में काम करने वाले अधिकतर कर्मी दिल्ली के होते हैं और इन इलाकों में सुबह से ही उग्र आंदोलन के कारण ये कर्मी अपने सेंटर तक नहीं पहुंच पाए।