एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफर्ड के कोविड-19 के टीके वैक्सजेवरिया का तीसरा बूस्टर इंजेक्शन कोरोनावायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के खिलाफ ऐंटीबॉडी का स्तर काफी बढ़ा देता है। ब्रिटेन की इस दवा दिग्गज ने यह दावा किया है। इससे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के महत्त्व को बढ़ावा मिलता है, जो वैक्सजेवरिया के भारतीय संस्करण कोविशील्ड का निर्माण करती है।
विशेषज्ञों की राय है कि टीकों के इंजेक्शनों को मिलाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। अलबत्ता ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय ने ओमीक्रोन के खिलाफ तीसरी बूस्टर खुराक के रूप में वैक्सजेवरिया के इस्तेमाल का समर्थन किया है। एसआईआई के पास कोविशील्ड की 50 करोड़ खुराक हैं (जिनमें से आधी थोक दवा के रूप में है) तथा कम मांग के कारण पहले ही उत्पादन में आधी कटौती कर चुकी है।
अगर ओमीक्रोन के खिलाफ बूस्टर के तौर पर इस्तेमाल के लिए इस टीके की सिफारिश की जाती है, तो इससे भारत में कोविशील्ड की मांग में खासा इजाफा हो सकता है। टीकाकरण नीति पर भारत के विशेषज्ञ समूह ने अभी तक यह फैसला नहीं किया है कि कोविड के लिए क्या बूस्टर इंजेक्शन को अनुमति दी जाए और कम दी जाए। वैक्सजेवरिया का आविष्कार ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय और वैकसिटेक द्वारा मिलकर किया गया था। इसमें सर्दी के सामान्य वायरस (एडेनोवायरस) के कमजोर संस्करण के आधार पर कम प्रतिकृति वाले चिंपैंजी वायरल वेक्टर का उपयोग करती है, जो चिंपैंजी में संक्रमण का कारण बनता है और इसमें सार्स-कोवी-2 वायरस स्पाइक प्रोटीन की आनुवंशिक तत्त्व रहते हैं। टीकाकरण के बाद, सतही स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन होता है और अगर बाद में शरीर संक्रमित होता है, तो सार्स-कोव-2 वायरस पर हमला करने के लिए रोग प्रतिरोधक प्रणाली को सक्रिय कर देता है।
एस्ट्राजेनेका ने कहा कि दूसरी खुराक के बाद टाइटर की तुलना ओमीक्रोन के लिए न्यूट्रलाइजेशन टाइटर को वैक्सजेवरिया की तीसरी खुराक के बाद बढ़ा दिया गया था। तीसरी खुराक की बूस्टर के बाद नजर आया स्तर उन व्यक्तियों में पाए गए न्यूट्रलाइज करने वाले रोग प्रतिरोधकों से अधिक था, जो पहले कोविड-19 (अल्फा, बीटा, डेल्टा स्वरूप और मूल स्ट्रेन) से स्वाभाविक रूप से संक्रमित होने के बाद प्राकृतिक रूप से उबर गए थे।
इसने बताया कि तीसरी बूस्टर खुराक का टीका प्राप्त करने के एक महीने बाद व्यक्तियों से प्राप्त सीरा ने ओमीक्रोन स्वरूप को उन स्तरों तक बेअसर कर दिया था, जो मोटे तौर पर डेल्टा संस्करण के खिलाफ दूसरी खुराक के एक महीने बाद दिखाई दिए स्तर के समान थे। इसने कहा कि वास्तविक दुनिया के अध्ययन में वैक्सजेवरिया की दो खुराक डेल्टा संस्करण के खिलाफ सुरक्षा से संबद्ध रही है। अध्ययन में कोविड-19 से संक्रमित उन लोगों से लिए गए रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया, जिन्हें निर्धारित दो-खुराकों और तीसरी बूस्टर खुराक के टीके लगाए गए थे और जिन्होंने कोविड-19 के चिंताजनक स्वरूपों से संक्रमण की सूचना दी थी। इस अध्ययन में उन 41 लोगों के नमूने शामिल किए गए थे, जिन्होंने वैक्सजेवरिया की तीन खुराकें प्राप्त की थीं।
यह अध्ययन ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय में जांचकर्ताओं द्वारा स्वतंत्र रूप से किया गया था।
ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय में रेगियस प्रोफेसर ऑफ मेडिसन और अध्ययन के जांचकर्ताओं में शुमार जॉन बेल ने कहा ‘यह देखना बहुत उत्साहजनक है कि तीसरी बूस्टर खुराक के बाद ओमीक्रॉन के खिलाफ वर्तमान टीकों में सुरक्षा देने की क्षमता है। ये परिणाम राष्ट्रीय टीकाकरण की रणनीतियों के रूप में तीसरी बूस्टर खुराक के उपयोग का समर्थन करते हैं, विशेष रूप से ओमीक्रोन समेत चिंता वाले स्वरूपों का प्रसार सीमित करने के लिए।’ एस्ट्राजेनेका में बायोफार्मास्युटिकल्स के शोध एवं अनुसंधान के कार्यकारी उपाध्यक्ष सर मेने पैंगैलोस ने कहा ‘वैक्सजेवरिया दुनिया भर में टीकाकरण कार्यक्रमों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और ये आंकड़े हमें इस बात का विश्वास दिलाते हैं कि इस टीके को तीसरी बूस्टर खुराक के रूप में दिया जाना चाहिए। टीके ओमीक्रोन के खिलाफ किस तरह सुरक्षा प्रदान करते हैं, इस बात को बेहतर तरीके से समझने के लिए एंटीबॉडी से परे देखना भी महत्त्वपूर्ण होता है। जैसे-जैसे हम ओमीक्रोन को बेहतर ढंग से समझ रहे हैं, हमें विश्वास हो रहा है कि हम पाएंगे कि टी-सेल की प्रतिक्रिया गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने के खिलाफ स्थायी सुरक्षा प्रदान कर रही है।’
ऐस्ट्राजेनेका दक्षिणी अफ्रीकी क्षेत्र में अकादमिक समूहों के साथ ओमीक्रोन स्वरूप के खिलाफ कारगरता का आकलन करते हुए वास्तविक जगत के साक्ष्य एकत्र कर रही है। एस्ट्राजेनेका कंपनी के दूसरे और तीसरे चरणों के परीक्षण में भाग लेने वालों के रक्त के नमूनों का विश्लेषण भी कर रही है ताकि वैक्सजेवरिया और इसकी अगली पीढ़ी के कोविड-19 के टीके एजेडडी2816 दोनों ही के मामले में ओमीक्रोन के खिलाफ तीसरी बूस्टर खुराक के रूप में न्यूट्रलाइज करने वाली गतिविधि का आकलन किया जा सके। इन अध्ययनों के आंकड़े जल्द ही आने की उम्मीद है।
