बूस्टर खुराक और बच्चों को टीके लगाने का फैसला वैज्ञानिक सलाह के आधार पर लिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने संसद में आज यह जानकारी दी। मांडविया के इस बयान से एक दिन पहले ही इंडियन सार्सकोव-2 जीनोम सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (इन्साकॉग) ने सुझाव दिया था कि अधिक जोखिम वाले 40 साल से अधिक के लोगों को बूस्टर खुराक दी जानी चाहिए।
मांडविया ने ओमीक्रोन के भय से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने लोक सभा को बताया कि अब तक जोखिम वाले देशों से आने वाले 16,000 यात्रियों की आरटीपीसीआर जांच की गई हैं, जिनमें से 18 कोविड-19 संक्रमित पाए गए हैं। मंत्री ने कहा कि बूस्टर डोज पर फैसला ‘वैज्ञानिक’ या ‘राजनीतिक’ हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ समूह हमें आगे की राह दिखाएंगे।’
इन्साकॉग ने अपने साप्ताहिक बुलेटिन में कहा कि 40 साल से अधिक के लोगों के लिए बूस्टर खुराक के बारे में विचार किया जा सकता है, जिसमें पहले सबसे ज्यादा जोखिम वाले और संक्रमण की चपेट में आने की ज्यादा आशंका वाले लोगों को लक्षित किया जाए। इसकी वजह यह है कि मौजूदा टीकों में निष्प्रभावी एंटीबॉडी का स्तर कम है, जो शायद ओमीक्रोन को निष्प्रभावी नहीं बना पाएं।
सीएसआईआर-आईजीआईबी के निदेशक और इन्साकॉग के सदस्य अनुराग अग्रवाल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि उनके बुलेटिन में कहा गया है कि अभी तक जिनको टीके नहीं लगे हैं, उनका टीकाकरण किया जाए और अधिक जोखिम वाले समूहों के लिए बूस्टर खुराक के बारे में विचार किया जाए। उन्होंने कहा, ‘बूस्टर के लिए वास्तविक सिफारिश नहीं की गई है। हमें रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म होने के सबूत मिल रहे हैं, इसलिए यह केवल एक संभावना जताई गई है।’
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में ओमीक्रोन की गंभीरता कम रहने के आसार हैं क्योंकि यहां टीकाकरण की रफ्तार बेहद तेज है और आबादी का बड़ा हिस्सा पहले ही डेल्टा वायरस से संक्रमित हो चुका है। ओमीक्रोन के कारण तीसरी लहर आने की संभावना पर मंत्रालय ने कहा कि मामलों के पैमाने और आकार तथा इससे भी अहम बीमारी की गंभीरता को लेकर अभी कुछ साफ नहीं है। मंत्रालय ने कहा, ‘यह भारत सहित और देशों में फैलने के आसार हैं…लेकिन अभी वैज्ञानिक सबूत पुख्ता नहीं हुए हैं।’ सरकार ने भी कहा है कि अभी ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं कि मौजूदा टीके ओमीक्रोन पर काम नहीं करेंगे। स्पाइक जीन में कुछ कथित म्यूटेशन से मौजूदा टीकों का असर कुछ कम हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ओमीक्रोन को पाए गए म्यूटेशनों, संक्रमण फैलाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता से बच निकलने की अनुमानित विशेषताओं के आधार पर वीओसी घोषित किया गया है।
