कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान जब लोग पस्त हो गए थे उस दौरान कालाबाजारी की वजह से बड़ी संख्या में लोगों को ऐंबुलेंस, दवाओं से लेकर ऑक्सीजन और आरटी-पीसीआर जांच जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं पाने के लिए वास्तविक दर से काफी अधिक भुगतान करना पड़ा। यह बात लोकल सर्कल्स के एक सर्वेक्षण में निकल कर आई है। लोकल सर्कल्स के सर्वेक्षण में देश भर में 24,000 से अधिक लोग शामिल हुए जिनका कहना है कि सरकार को विशिष्ट पहचान के जरिये कोविड दवाओं, ऑक्सीजन सिलिंडर और कॉन्सेंटेटर की आपूर्ति पर नजर रखने के लिए एक बेहतर प्रणाली तैयार करनी चाहिए। बेहतर तंत्र के होने से निर्माता डिजिटल तरीके से इन सामानों के लोकेशन पर नजर रख पाएंगे और इन सामानों की बिक्री और इसे जारी करने के लिए उपयोगकर्ता का आधार मिलना जरूरी होगा।
कंपनी का कहना है, ‘लोकल सर्कल्स केंद्र सरकार और राज्य के सभी मुख्य सचिवों के साथ इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों को साझा करेगी ताकि नागरिकों की प्रतिक्रिया को देखते हुए प्रासंगिक नीति बनाने के साथ ही जरूरी हस्तक्षेप किए जाएं और कोविड की तीसरी लहर की तैयारी में भी इन पहलुओं पर गौर किया जा सके।’
