वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद सरकार जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी पर एक विधेयक पेश करेगी। उन्होंने प्रश्न काल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह विधेयक सदन में आएगा।’ सरकार ने संसद के पिछले सत्र (मॉनसून) में भी इसी तरह के एक विधेयक को सूचीबद्ध किया था, लेकिन इसे नहीं लिया गया था। निर्मला ने कहा, ‘पहले का प्रयास निश्चित रूप से एक विधेयक लाने का था, लेकिन बाद में तेजी से कई चीजें चलन में आईं, हमने एक नए विधेयक पर काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र के दौरान भी विधेयक लाने का ‘गंभीरता से प्रयास’ किया गया था।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक के जल्द ही पेश किए जाने की संभावना है। यह पूछे जाने पर कि क्या मीडिया में भ्रामक विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का सरकार का कोई प्रस्ताव है, वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय विज्ञापन मानक परिषद के दिशा-निर्देशों का अध्ययन किया जा रहा है और उनके नियमों पर भी गौर किया जा रहा है, ताकि हम जरूरत पडऩे पर कोई कदम उठा सकें। उन्होंने कहा कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी विनियमित नहीं है और सरकार क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन से जुड़े आंकड़े एकत्र नहीं करती है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार, रिजर्व बैंक और ‘सेबी’ लोगों को क्रिप्टोकरेंसी के बारे में आगाह करते रहे हैं कि यह ‘काफी जोखिम भरा’ क्षेत्र हो सकता है और इस संबंध में और जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। इस बीच, एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में सीतारमण ने कहा कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित धोखाधड़ी पर विशिष्ट जानकारी नहीं रखती और वित्तीय धोखाधड़ी के मामले राज्य का विषय होते हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी से संबंधित आठ मामलों की जांच प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही है। इसकी विस्तृत जानकारी देने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि सूचना में और अधिक खुलासा व्यापक जनहित में नहीं है।
