छोटे और मझोले उद्योगों में ऊर्जा संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए गुजरात ऊर्जा विकास एजेंसी (जीईडीए) ने अहमदाबाद की वातवा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (वीआईए) के साथ हाथ मिलाया है।
दोनों संगठनों के पास कुल मिलाकर करीब 100 सदस्य हैं। दोनों ही एजेंसियों ने 10 एसएमई में ऊर्जा संरक्षण की शुरुआत के लिए एक साथ समझौता किया है।
जीईडीए का काम इस परियोजना के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने का है। जीईडीए के वरिष्ठ परियोजना कार्याधिकारी आर एन पांडया ने बताया, ‘समझौते के अनुसार वातवा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एन नया मॉडल तैयार करेगी।
इसके लिए 10 इकाइयों का चयन किया जाएगा और इन इकाइयों में ऊर्जा संरक्षण के लिए प्रयोग शुरू किया जाएगा। जीईडीए इस परियोजना के लिए वित्तीय सहायता मुहैया कराएगी।
इस समझौते को लेकर वित्तीय सहायता किस प्रकार की और कितनी होगी इस पर अभी चर्चा की जा रही है। और फंड की जरूरत को पूरा करने के लिए राज्य सरकार और ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफीशियेंसी (बीईई) से सहायता ली जाएगी।’
कुल औद्योगिक उत्पादन में 40 फीसदी हिस्सा एसएमई का होता है और इनके जरिए 8,000 से अधिक मूल्य वर्द्धित उत्पादों का उत्पादन किया जाता है।
अहमदाबाद की ग्रीन इनवायरमेंट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (जीईसीएस) की ओर से किए गए एक अध्ययन के अनुसार, ‘एसएमई की ओर से बिजली की खपत काफी अधिक होती है, पर आर्थिक परेशानियों की वजह से ये इकाइयां नझ्रई तकनीकों का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं।’
पांडया ने कहा, ‘केवल गुजरात में ही नहीं बल्कि पूरे देश में यह परियोजना अपने आप में अनोखा और नया है।’ जीईडीसी वातवा गुजरात इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जीआईडीसी) क्षेत्र में साक्षा ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम चला रही है।
जीईसीएस एसएमई में ऊर्जा संरक्षण के लिए उद्योगों, संस्थानों, तकनीकी वेंडर्स और सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है।
वीआईए के अध्यक्ष किरित पटेल ने कहा, ‘डाई करने वाले और रसायन उद्योगों में काफी मात्रा में ऊर्जा की खपत होती है। ऊर्जा की खपत कम करने के लिए एक साल का कार्यक्रम चलाया जाएगा।
एक बार अगर इस परियोजना का सफल नतीजा निकलता है तो फिर इसे दूसरे एसएमई में भी लागू किया जाएगा।’ वातवा जीआईडीसी में डाई संबंधित 650 से अधिक इकाइयां हैं। और इन्हीं इकाइयों द्वारा सबसे अधिक ऊर्जा की खपत होती है।
ऊर्जा संरक्षण के लिए अधिक बिजली की खपत वाले मोटरों को बदलकर इन इकाइयों में कम ऊर्जा खपत वाले मोटरों को लगाया जाएगा।
