सरकार अरुणाचल प्रदेश में 10 गीगावॉट की जल विद्युत परियोजना बनाने की योजना पर विचार कर रही है। आज एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। सरकार यह कदम तब उठाने जा रही है जब खबर है कि चीन ब्रह्मपुत्र नदी के एक हिस्से पर बांध का निर्माण कर सकता है।
इस नदी को चीन में यरलुंग त्संग्पो के नाम जाना जाता है। यह तिब्बत से निकलकर अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है और असम होते हुए नीचे बॉग्लादेश में बहती है। भारत के प्राधिकारियों को इस बात की चिंता है कि नदी पर चीन की परियोजना से अचानक से बाढ़ और जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
केंद्रीय जल मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी टी एस मेहरा ने रॉयटर्स से कहा, ‘समय की आवश्यकता है कि चीन की बांध परियोजना के बुरे प्रभावों से निपटने के लिए अरुणाचल प्रदेश में एक बड़ा बांध बनाया जाए।’
मेहरा ने कहा, ‘हमारी परियोजना सरकार में उच्च स्तर पर विचाराधीन है।’ उन्होंने कहा कि इस योजना से पानी के प्रवाह पर चीनी बांध से पडऩे वाले असर को समाप्त करने के लिए बड़े जल भंडार क्षमता का निर्माण होगा। महीनों से पश्चिमी हिमालय में सीमा पर सैनिकों के बीच तनाव से भारत और चीन के बीच राजनयिक संबध निम्रतर स्तर पर पहुंच गया है।
कुछ विश्लेषकों ने चेताया कि ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाना टकराव की नई वजह बन सकती है क्योंकि चीन की बांध निर्माण गतिविधि भारतीय सीमा के समीप होने जा रही है।
