रशियन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने शुक्रवार को दावा किया कि अजरबैजान में एक क्लीनिकल परीक्षण के शुरुआती नतीजों से पता चला है कि एस्ट्राजेनेका और स्पूतनिक वी टीके की पहली खुराक के मिश्रण से कोविड से बचाव के लिए उच्च स्तर की प्रतिरोधक क्षमता तैयार होती है। इस बीच, भारत में नियामक ने क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी), वेलूर द्वारा कोविशील्ड (सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार किया गया एस्ट्राजेनेका टीका) और कोवैक्सीन (भारत बायोटेक का टीका) के मिश्रण पर कराये गए एक अध्ययन को हरी झंडी दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि दो विभिन्न मंचों पर तैयार किए गए टीकों के मिश्रण से लाभार्थी के शरीर में बेहतर प्रतिरोधक प्रतिक्रिया तैयार की जा सकती है। इस तरह के मिश्रण और मिलान वाली रणनीति पहले भी अपनाई गई है मसलन इबोला से बचाव में। जब हम एक ही टीके की दो खुराक को लेते हैं तो उसे होमोलोगस बूस्ट कहते हैं। इसमें प्राइम (पहली खुराक) और बूस्ट (दूसरी खुराक) एक ही टीके की होती है। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है किदो अलग-अलग टीके बेहतर प्रतिरोधक क्षमता दर्शा सकते हैं जो एक ही ऐंटीजन का इस्तेमाल करते हैं और जिसे प्राइम और बूस्ट में इस्तेमाल किया जाता है।
आरडीआईएफ, एस्ट्राजेनेका और आर-फार्मा ने एस्ट्राजेनेका और स्पूतनिक वी टीके की खुराक के संयुक्त इस्तेमाल से बनी प्रतिरोधक क्षमता के शुरुआती नतीजों की घोषणा की। अजरबैजान ने फरवरी में दो कोविड-19 टीकों के संयोजन से दुनिया के पहले क्लीनिकल परीक्षण को हरी झंडी दी। यह क्लीनिकल परीक्षण संयुक्त रूप से एस्ट्राजेनेका, आरडीआईएफ, रूसी दवा कंपनी आर-फार्मा और गमालेया सेंटर द्वारा कराया जा रहा था जिस प्रयोगशाला ने स्पूतनिक वी टीका बनाया गया है।
स्पूतनिक वी एक विविध टीका है जो अपनी दो खुराक में दो अलग-अलग मानव फ्लू वेक्टर (एडी26 और एडी5) का इस्तेमाल करता है। अध्ययन में पहली खुराक या एडी26 वेक्टर आधारित टीके का इस्तेमाल किया गया। अजरबैजान में क्लीनिकल परीक्षण फरवरी 2021 में शुरू हुए। अब तक 64 वॉलंटियरों को टीका लगाया गया और वॉलंटियरों का नामांकन चल रहा है।
आरडीआईएफ ने एक बयान में कहा, ‘पहले 20 प्रतिभागियों के शुरुआती आंकड़ों से सार्स-सीओवी-2 वायरस स्पाइक प्रोटीन (एस-प्रोटीन) से बचाव के लिए ऐंटीबॉडी नजर आई जो 100 फीसदी मामलों में दिखी।’ आंकड़ों के अंतरिम विश्लेषण ने टीकाकरण के बाद टीकों के संयुक्त इस्तेमाल के साथ बेहतर सुरक्षा प्रोफाइल नजर आया और कोई गंभीर प्रतिकूल घटना नहीं हुई न ही कोरोनावायरस संक्रमण का कोई मामला सामने आया। एक वैश्विक कार्यक्रम के तहत कई देशों में टीकों के मिश्रण वाले क्लीनिकल परीक्षण किए जा रहे हैं। संयुक्त अरब अमीरात और अर्जेन्टीना में वॉलंटियरों को टीका लगाया जा रहा है जबकि रूस और बेलारूस में परीक्षण करने के लिए नियामकीय मंजूरी दी गई है।