अग्रणी भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) समेत शीर्ष बिजनेस स्कूलों (बी-स्कूल) में इस साल प्रौद्योगिकी के नेतृत्व वाली भूमिका से समर्थित केवल वेतन बढ़ोतरी ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पेशकश भी महामारी के पहले वाले स्तर तक पहुंचती नजर आई है।
आईआईएम-ए के चेयरपर्सन (प्लेसमेंट) अंकुर सिन्हा ने इस अंतरराष्ट्रीय पेशकश के बारे में बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि आईआईएम अहमदाबाद (आईआईएम-ए) में अब तक के बेहतरीन प्लेसमेंट सीजन में से एक देखा गया है और इस बदलाव का श्रेय महामारी के बाद खुलने वाले बाजारों को दिया जा सकता है। सभी क्षेत्रों और भौगोलिक भागों की कंपनियोंं द्वारा पिछले सालों के मुकाबले काफी ज्यादा संख्या में भर्ती किए जाने से हमने इस साल भी 100 प्रतिशत प्लेसमेंट दर्ज किया है। आईआईएम-ए में वर्ष 2022 की प्लेसमेंट प्रक्रिया में करीब 220 अलग-अलग कार्यों के साथ हिस्सा लेने वाली 190 फर्मों में से, जिन फर्मों ने कैंपस में सबसे अधिक पेशकश की, उनमें बोस्टन कंसल्टिंग गु्रप (बीसीजी) और एक्सेंचर शामिल थी, जिसमें से बीसीजी ने प्री-प्लेसमेंट पेशकशों समेत 47 कार्यों के लिए और एक्सेंचर ने 32 के लिए पेशकश की थी। इसी तरह आईआईएम बेंगलूर (आईआईएम-बी) में, जहां एक्सेंचर (51) और बीसीजी (30) ने सबसे ज्यादा संख्या में पेशकश की, वहां अंतरराष्ट्रीय पेशकश महामारी से पहले के स्तर से बेहतर रही।
इस बात की पुष्टि करते हुए आईआईएम-बी के चेयरपर्सन (करियर विकास सेवाएं) यू दिनेश कुमार ने इस रुझान का श्रेय अर्थव्यवस्था में सुधार को दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय पेशकश ज्यादातर परामर्श, वित्त और सामान्य प्रबंधन जैसे क्षेत्रों की ओर से की गई।
कुल मिलाकर आईआईएम-बी में परामर्श कंपनियों ने अधिकतम 248 पेशकश की, जिनमें किर्नी, बैन ऐंड कंपनी, मैकिन्से ऐंड कंपनी, ईवाई, ईवाई-पार्थेनन सिंगापुर, प्राइसवाटरहाउसकूपर्स, स्ट्रैटेजी ऐंंड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, अल्वारेज ऐंंड मार्सल, आर्थर डी लिटल, डिलॉयट, इन्फोसिस कंसल्टिंग, केपीएमजी, ऑक्टस एडवाइजर्स, ओलिवर वायमैन और आईबीएम कंसल्टिंग जैसे अन्य शीर्ष नियोक्ता शामिल रहीं।
आईआईएम कोझिकोड (आईआईएम-के) में भी कारदेखो, ओमनीबिज और तुलाराम ग्रुप जैसी कंपनियों द्वारा दी जाने वाली अंतरराष्ट्रीय पेशकश नजर आई हैं, इस बी-स्कूल ने वर्ष 2020 में शुरू हुए दो नए पूर्णकालिक एमबीए कार्यक्रम पीजीपी-फाइनैंस और पीजीपी-लिबरल अध्ययन तथा प्रबंधन के शुरुआती समूहों के साथ अपने प्रमुख स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपी) के लिए 546 छात्रों का सबसे बड़ा समूह रखा था। बी-स्कूलों के अनुसार तकनीक-समर्थित भूमिकाओं में वृद्धि के साथ-साथ सभी क्षेत्रों में डिजिटलीकरण के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय पेशकश की गई हैं, जिससे प्रबंध स्नातकों के लिए भौगोलिक क्षेत्रों में दरवाजे खुल रहे हैं।
आईआईएम-के के चेयरपर्सन (प्लेसमेंट) कंबर आबिदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पेशकश की संख्या वर्ष 2020 और 2021 के महामारी वाले सालों के मुकाबले बेहतर रही है। वक्त के साथ-साथ तनख्वाह में इजाफे का रुख रहता है, लेकिन क्षमता वृद्धि, नए जमाने की कंपनियों का उदय और डिजिटलीकरण जैसे कारकों ने भी योगदान दिया है। हमारे विचार से मांगे में इजाफे के लिए तकनीक समर्थित कार्यों के साथ दीर्घकालिक रुख के तौर पर डिजिटलीकरण जारी रहने की उम्मीद है।
खास तौर पर इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) में कार्यकारियों के बीच प्री और पोस्ट-मैनेजमेंट कार्यक्रम के वेतन में अंंतर एक अन्य दमदार रुझान रहा है। आईएसबी ने प्रबंधन में पीजीपी की वर्ष 2022 की कक्षा के लिए अपनी प्लेसमेंट प्रक्रिया में पिछले वर्ष की तुलना में औसत कॉस्ट-टु-कंपनी (सीटीसी) में 20.78 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। 34.07 लाख रुपये के स्तर पर स्वीकृत औसत सीटीसी पिछले साल के 28.21 लाख रुपये से अधिक रहा।
हालांकि प्री-आईएसबी और पोस्ट-आईएसबी केवेतन के बीच का अंतर 173.67 प्रतिशत रहा, जो आईएसबी के उम्मीदवारों में करियर वृद्धि को दर्शाता है।
