केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जायडस कैडिला का कोविड टीका जायकोव-डी पहले सात राज्यों- बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में पहली बार मिलना शुरू होगा। सभी सात राज्यों से उन जिलों की पहचान करने को कहा गया है जहां टीका न लगाने वाले पात्र लोगों की अधिक आबादी है और जिन्हें अब तक टीके की एक भी खुराक नहीं मिली है। इन जगहों पर नए टीके की शुरुआत हो सकती हैं। कैडिला हेल्थकेयर (जायडस कैडिला) ने नवंबर के पहले हफ्ते में कहा था कि उसे केंद्र को दुनिया का पहला प्लाज्मिड डीएनए टीका जायकोव-डी की 1 करोड़ खुराक की आपूर्ति करने का ऑर्डर मिला था। इस टीके की कीमत 265 रुपये प्रति खुराक तय की गई और सुई-मुक्त ऐप्लिकेटर की पेशकश वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को छोड़कर 93 रुपये प्रति खुराक के हिसाब से की जा रही है। इस टीके ने तीसरे चरण के परीक्षणों के अंतरिम विश्लेषण में 66.6 प्रतिशत प्रभाव दिखाया है। यह तीन खुराक वाला टीका है और पहले दिन के बाद दूसरी खुराक 28 दिन पर और तीसरी खुराक 56 दिनों पर दी जाती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा कि जायकोव-डी देने के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण का कार्यक्रम पूरा हो गया है क्योंकि टीका इंजेक्शन के माध्यम से नहीं बल्कि सुई मुक्त फार्मजेट प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से दिया जाता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘राज्यों को फार्माजेट इंजेक्टर के आधार पर सत्रों की योजना बनानी चाहिए और टीकाकरण के लिए इसका इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षण देने के लिए टीका देने वालों की पहचान करनी चाहिए।’
जायडस टीका, सुई मुक्त टीका प्रणाली (एनएफ आईएस) का इस्तेमाल कर दिया जाता है। अमेरिका के स्टार्टअप, फार्माजेट ने जायडस कैडिला के साथ करार किया है जो विशेष रूप से सुई मुक्त टीका प्रणाली फार्माजेट ट्रोपिस के माध्यम से जायकोव-डी टीका लगाएगा। इंसुलिन का शॉट लेने की तुलना में इसमें कम ही चुभन महसूस होगी।
जायडस कैडिला के प्रबंध निदेशक (एमडी) शर्विल पटेल कहते हैं, ‘ऐप्लिकेटर त्वचा में टीका लगाते हैं न कि मांसपेशियों में। इसकी वजह से यह कम ही दर्द देता है।’ इस तंत्र के दो प्रमुख भाग हैं जिनमें से एक इंजेक्टर है जिसका इस्तेमाल कई बार किया जा सकता है और इसमें एक बार इस्तेमाल वाली सिरिंज या ऐप्लिकेटर आदि है। सुई मुक्त इंजेक्टर संकीर्ण तरीके से टीके के माध्यम से दवा त्वचा में पहुंचाता है।
एप्लीकेटर इसे 100 माइक्रो-लीटर वाली मीटर खुराक में लेता है और पेन बटन के क्लिक की तरह इसे लगा दिया जाता है। टीका लगाने वालों को इसे देने से पहले एक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है और यहां तक कि वैसे टीका देने वाले लोग जो ज्यादा कुशल नहीं हैं वे भी जायकोव-डी टीका दे सकते हैं। पेन का इस्तेमाल कुछ हजार बार किया जा सकता है।
सरकार ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उपलब्ध टीके की समय पर खपत हो और सरकारी और निजी दोनों सुविधा केंद्रों में कोई खुराक बरबाद न हो। कंपनी केमुताबिक टीके ने कम से तीन महीने तक करीब 25 डिग्री तापमान पर स्थिरता दिखाई है। राज्यों से अगस्त और सितंबर, 2021 में दिए गए खुराकों के संदर्भ में लक्षित योजनाएं तैयार करने को भी कहा गया है ताकि टीकाकरण की रफ्तार में वृद्धि करके उनकी दूसरी खुराक के लिए सभी लाभार्थियों का कवरेज सुनिश्चित किया जा सके। जायडस ने सिंगापुर में बनने वाले ऐप्लिकेटर अनुबंध को तवज्जो दी है और यह अहमदाबाद में उत्पाद को असेंबल कर रही है। जल्द ही कंपनी भारत में भी ऐप्लिकेटर का निर्माण कर सकती है।
देश में दिए गए कुल टीके की खुराक गुरुवार को सवा अरब के आंकड़े पार कर गई है। करीब 84 फीसदी से अधिक लोगों को टीके की एक खुराक दी गई है जबकि अपुष्ट रिपोर्टों के अनुसार 49 फीसदी को टीके की दोनों खुराक लगी है।
