वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ाई में बढ़ते खर्च से जूझ रहे वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार में किसी नए पद के सृजन पर प्रतिबंध लगा दिया है। अपवाद स्वरूप सिर्फ उन पदों का सृजन किया जा सकेगा, जिसके लिए वित्त मंत्रालय का व्यय विभाग अनुमति देगा।
व्यय विभाग की ओर से जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, ‘व्यय विभाग की मंजूरी वाले मामलों को छोड़कर मंत्रालयों, विभागों, संबद्ध कार्यालयों, अधीनस्थ कार्यालयों, वैधानिक निकायों व स्वायत्तशासी निकायों में नए पदों के सृजन पर प्रतिबंध रहेगा।’
ज्ञापन में कहा गया है कि अगर किसी पद का सृजन एक जुलाई के बाद व्यय विभाग की स्वीकृति के बगैर हुआ है और अब तक दाखिल नहीं किया गया है तो वे पद खाली रहेंगे।
ज्ञापन में मंत्रालयों व विभागों से यह भी कहा गया है कि उनकी ओर से नियुक्त किए गए व्यक्गित सलाहकारों की समीक्षा की जाए और उनकी संख्या कम की जाए। इसमें यह भी कहा गया है कि सलाहकारों का शुल्क तय करते समय उस पर आने वाले खर्च का ध्यान रखा जाए और यह उनके काम की गुणवत्ता के अनुपात में होना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि स्थापना दिवस जैसे उत्सव वाले कार्यक्रमों पर व्यय को हतोत्साहित किया जाना चाहिए। अगर इस तरह के आयोजन किए जाते हैं तो उनमें उचित रूप से कटौती की जाए।
इसने यह निर्देश भी दिया कि आयातित कागज पर किताबों एवं कागजात का प्रकाशन या मुद्रण नहीं किया जाएगा, उस स्थिति को छोड़कर जब यह काम विदेशों में स्थित भारतीय दूतावास कर रहे हों। विभाग ने कहा है कि मौजूदा राजकोषीय स्थिति और उसकी वजह से सरकारी संसाधन पर पड़ रहे दबावों के संदर्भ में अर्थव्यवस्था को विस्तार देने और गैर-वरीय खर्चों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। इसके साथ ही वरीय खर्चों को संरक्षण देने का उल्लेख भी किया गया है।
इसके पहले विभाग ने खर्चों पर लगी रोक को जुलाई से तीन महीनों के लिए बढ़ा दिया था। इसने अप्रैल में सरकार के तमाम विभागों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करते हुए अप्रैल-जून तिमाही में उनके खर्चों पर सख्ती बरती थी। इस पाबंदी से केवल उन्हीं विभागों को छूट दी गई थी जो महामारी से लडऩे में लगे हुए थे। सी श्रेणी के तहत आने वाले मंत्रालय या विभागों को तो चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में आवंटित अनुमान का महज 15 फीसदी ही खर्च करने का निर्देश दिया गया था। इस श्रेणी में पेट्रो-रसायन, कोयला, वाणिज्य एवं दूरसंचार जैसे मंत्रालय शामिल थे। वहीं बी श्रेणी में शामिल उर्वरक, डाक एवं रक्षा मंत्रालयों को बजट अनुमान का 20 फीसदी इस तिमाही में खर्च करने की छूट दी गई थी। जहां तक ए श्रेणी का सवाल है तो इसमें शामिल मंत्रालयों एवं विभागों पर खर्च को लेकर किसी भी तरह की बंदिश नहीं लगाई गई थी। इस श्रेणी में कृषि, आयुर्वेद, दवा, नागरिक उड्डयन और ग्रामीण विकास मंत्रालय शामिल हैं।
सरकार ने कोविड महामारी के खिलाफ जंग में रकम जुटाने के लिए सरकारी कर्मचारियों के वेतन एवं पेंशन में महंगाई भत्ते में वृद्धि करने पर भी रोक लगाई हुई है।