Skip to content
  शुक्रवार 24 मार्च 2023
Trending
March 24, 2023सांस की बीमारी! हो जाएं अलर्ट; अस्पतालों में आ रहे 50 फीसदी H3N2 के मामले, ICMR के सर्वे ने किया ये बड़ा खुलासाMarch 24, 2023INR vs USD: रुपया 24 पैसे की गिरावट के साथ 82.44 प्रति डॉलर पर बंदMarch 24, 2023Varanasi: हर घंटे हजारों लोग करेंगे सड़क से 50 मीटर ऊपर सफर, PM मोदी ने किया तीसरे सबसे बड़े रोप-वे का उद्घाटनMarch 24, 2023Delhi: अब बार-बार टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं ! लैब और प्राइवेट अस्पतालों ने पेश किए स्पेशल जांच पैकेजMarch 24, 2023World TB Day 2023: WHO ने टीबी के खात्मे के लिए सरकारी और सामाजिक स्तर पर सहयोग का आह्वान कियाMarch 24, 2023Lok Sabha: लगते रहे नारे, लहराती रही तख्तियां, हंगामें के बीच मनी बिल हो गया पारितMarch 24, 2023Edible oil custom duty: खाद्य तेलों के आयात पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 20 फीसदी होMarch 24, 2023जम्मू-कश्मीर में मिले लिथियम के उपयोग से वाहन विनिर्माण में पहले पायदान पर होगा भारत: GadkariMarch 24, 2023अमेरिका ने फिर किया सीरिया में हवाई हमला, कम से कम चार ईरानी लड़ाकों की मौत: रिपोर्टMarch 24, 2023लोकसभा में GST Appellate Tribunal की स्थापना को मंजूरी, टैक्सपेयर्स को मिलेगी राहत
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  ताजा खबरें  बुलेट पर भारी पड़ा बैलेट
ताजा खबरें

बुलेट पर भारी पड़ा बैलेट

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —May 4, 2009 3:12 PM IST
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

बिहार में चुनाव का मतलब कुछ साल पहले तक हिंसा का दौर हुआ करता था। इतिहास इस बात का गवाह है।
1977 से 2005 के बीच बिहार में जितने भी आम चुनाव और विधानसभा चुनाव हुए हैं, उनमें अच्छी-खासी तादाद में लोगों को अपने प्राणों की आहूति देनी पड़ी है। इसलिए तो कई लोग मतदान के लिए जाते ही नहीं थे। लेकिन इस बार फिजा कुछ बदली-बदली सी है।
ऐसा पहली बार हुआ है, जब चुनाव प्रचार में बिहार से एक भी शख्स की मौत की खबर नहीं आई है। यह अपने आप में एक बड़ी बात है। साथ ही, बूथ लूटने और फर्जी मतदान की खबरें भी न के बराबर सुनने को मिली हैं।
बदली सी बयार
इस बार के आम चुनाव बिहार में ऐतिहासिक ही कहे जाएंगे। कई लोगों की नजरों में नक्सली हिंसा को छोड़ दें, तो चुनावी हिंसा में एक भी शख्स की मौत न होना एक बड़ी बात है। इतिहास को देखते हुए उनकी बात सही भी है। 1978 में हुए पंचायत चुनाव में 500 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 1990 में हुए विधानसभा चुनाव में 84 लोगों की मौत हुई थी।
1999 और 2004 के आम चुनावों में क्रमश: 74 और 20 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। दूसरी तरफ, 2001 के पंचायत चुनावों में 158 लोगों की जान गई थी। वहीं, 2005 के विधानसभा चुनाव में 22 लोगों की मौत हुई थी।   राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार चुनाव में हिंसा न के बराबर होने का ज्यादातर श्रेय जाता है, के.जे. राव को।
राव ने 2005 में जिस कुशलता के साथ विधानसभा चुनाव करवाए थे, उसकी वजह से अपराधियों की कमर टूट गई। औरंगाबाद से कांग्रेस के निवर्तमान सांसद निखिल कुमार का कहना है, ‘हर चीज की एक इंतहा होती है। बिहार की जनता हिंसा से बुरी तरह से ऊब चुकी है। अब उन्हें शांति चाहिए। इस बात ने चुनावी हिंसा कम होने में एक बड़ी भूमिका निभाई है।’
क्या हैं कारण?
राजनीतिक दलों से इस बारे में पूछें तो वे अपने-अपने गठबंधन को इस बात का श्रेय देने से नहीं चूकते। मिसाल के तौर भाजपा के बक्सर से निवर्तमान सांसद लाल मुनि चौबे कहते हैं, ‘ये मुमकिन हो पाया है राज्य की भाजपा-जद (यू) सरकार के कुशल प्रशासन की वजह से। सरकार के कदमों के कारण राज्य में शांति का माहौल कायम हो पाया है। आज अपराधी पुलिस से डरते हैं। इसलिए तो वे चुनाव प्रक्रिया में किसी तरह का कोई खलल नहीं डाल पाए।’
दूसरी तरफ, निखिल कुमार कहते हैं, ‘केंद्र सरकार ने बिहार के विकास में काफी पैसा लगाया है। केंद्र सरकार की योजनाओं की वजह से ही आज राज्य में तेजी से सड़कें बन रही हैं। इसकी देखादेखी नीतीश कुमार की सरकार ने भी योजनाओं की शुरुआत की। लेकिन आज जहां केंद्र सरकार की योजनाएं तेजी से आगे बढ रही हैं, तो वहीं राज्य सरकार की योजनाओं पर रेंग-रेंग कर काम हो रहा है।
साथ ही, हमने बिजली क्षेत्र में भी राज्य में काफी काम किया है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत आज बिहार के हरेक इलाके में बिजली पहुंचाई जा रही है। अकेले मेरे इलाके में इस काम के लिए 180 करोड़ रुपये की राशि मिली है, जिसके तहत खंभे लगाए जा रहे हैं, तारें बिछाई जा रही हैं और चार नए सब स्टेशनों का निर्माण किया गया है। हमने रोजगार के लिए भी नरेगा और कई योजनाओं की शुरुआत की है। इस वजह से विकास हुआ है और लोग हिंसा से विमुख हुए हैं।’
हालांकि, विश्लेषकों की राय इससे इतर है। उनके मुताबिक इस बार राजनीतिक दलों को अपने चुनाव प्रचार के तरीकों में फेर-बदल करना पड़ा। मार्च में चुनाव की तारीखों की घोषणा किए जाने की वजह से उन्हें ‘पूरी तैयारी’ करने का वक्त भी नहीं मिला। विश्लेषकों के मुताबिक सबसे बड़ी बात यह है कि आज सूबे में माहौल विकास का है। हिंसा से लोग आजिज आ चुके हैं।
वे अब शांति से अपनी जिंदगी बिताना चाहते हैं। वे विकास चाहते हैं। इसी वजह से तो विकास बिहार में इस चुनाव में (शुरुआत में ही सही) एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा। पटना के रमेश रंजन कहते हैं, ‘मेरे लिए सबसे बड़ा मुद्दा जाति नहीं, बल्कि विकास बन चुका है। मेरी जाति का उम्मीदवार अगर मेरे लिए बिजली, पानी, सड़क और रोजगार का इंतजाम नहीं कर सकता तो मुझे दूसरे उम्मीदवार को वोट देने में भी कोई गुरेज नहीं होगा।’
इसके अलावा, पुलिस ने संगठित अपराध की कमर तोड़कर रख डाली है। अपराधी हताश हैं और ज्यादातर तो जेलों में बंद हैं। उनकी सुनवाई भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो रही है। विश्लेषकों के मुताबिक एक अहम बात यह है कि पूर्व में चुनावों से छह महीने पहले अपहरण की दर में अचानक इजाफा होना शुरू हो जाता था।
लेकिन इस बार आलम अलग है। इस बार अपहरण की दर बढ़ने के बजाए कम होती जा रही है। विश्लेषकों के मुताबिक दरअसल यह सब मुमकिन हो पाया है तो लोगों की सोच की वजह से। अब उन्हें बुलेट से बैलेट कहीं बेहतर दिखाई देने लगा है।
फिर भी मतदान कम क्यूं?
पहले लोग वोट देने इसलिए नहीं जाते थे क्योंकि उन्हें अपनी जान का खतरे में दिखाई देती थी। इस बार ऐसा नहीं है। फिर भी मतदान का फीसदी कम क्यों रहा? इस बारे में विश्लेषक बताते हैं कि दरअसल ऐसा हुआ लोगों के बहिष्कार की वजह से। कई स्थानीय मुद्दों को लेकर कई जगहों पर लोग मत डालने ही नहीं आए।
इसके अलावा, नक्सलवादियों का खौफ तो था ही। इसी खौफ की वजह से गया, सासाराम, औरंगाबाद, जमुई और मुंगेर के नक्सल प्रभावित इलाकों में कुछ मतदान केंद्रों पर एक भी वोट नहीं डाला गया। मुजफ्फरपुर के अनिल पासवान ने भी इस बार वोट नहीं डाला। उनका कहना है कि, ‘इस बार चुनाव में उम्मीदवारों के पास कोई मुद्दा ही नहीं है। वे सभी एक ही जैसी बात कहते हैं। ऐसे में मेरा वोट डालने का मन ही नहीं किया।’

ballot boomed on bullet
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
अन्य

बेंगलुरु से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही लखनऊ जा रहे विमान की आपात लैंडिंग

March 11, 2023 2:55 PM IST
अन्य समाचार

कारीगरों की मदद के लिए ‘मिशन मोड’ में काम करने की जरूरत: प्रधानमंत्री मोदी

March 11, 2023 11:57 AM IST
अन्य

होली पर 491 फेरे लगाएंगी 196 विशेष ट्रेन

March 7, 2023 10:16 AM IST
अन्य समाचार

Megha Tropiques-1 को प्रशांत महासागर में गिराने के चुनौतीपूर्ण अभियान को अंजाम देगा ISRO

March 6, 2023 11:03 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

भारतीय कंपनियों में अल्पांश हिस्सेदारी होने पर ही लग सकेंगे चीन के कारखाने

March 23, 2023 9:46 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

‘हाइब्रिड’ वर्क कल्चर के बावजूद भारतीय प्रोफेशनल्स क्यों जाना चाहते हैं ऑफिस… LinkedIn के सर्वे में सामने आई ये बात

March 23, 2023 5:05 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

श्रीलंका ने बाजार में किल्लत दूर करने के लिए भारत से मंगवाए 20 लाख अंडे

March 23, 2023 5:03 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

US Federal Reserve ने पॉलिसी रेट 25 bps बढ़ाया, साल के अंत तक और बढ़ सकती हैं दरें

March 23, 2023 9:36 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

व्यापार बढ़ने के कारण उत्पादन आधारित उत्सर्जन में वृद्धि

March 22, 2023 11:35 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

फिलीपींस और मोरक्को ने अपनाना शुरू किया आधार का तरीका

March 22, 2023 11:25 PM IST

Trending Topics


  • Stocks To Watch
  • Share Market Today
  • Hindenburg | Jack Dorsey
  • DDMA | Mock Drill on Earthquake
  • Narendra Modi
  • Google Doodle
  • Corona Update
  • Rupee vs Dollar

सबकी नजर


सांस की बीमारी! हो जाएं अलर्ट; अस्पतालों में आ रहे 50 फीसदी H3N2 के मामले, ICMR के सर्वे ने किया ये बड़ा खुलासा

March 24, 2023 6:18 PM IST

INR vs USD: रुपया 24 पैसे की गिरावट के साथ 82.44 प्रति डॉलर पर बंद

March 24, 2023 6:04 PM IST

Varanasi: हर घंटे हजारों लोग करेंगे सड़क से 50 मीटर ऊपर सफर, PM मोदी ने किया तीसरे सबसे बड़े रोप-वे का उद्घाटन

March 24, 2023 5:20 PM IST

Delhi: अब बार-बार टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं ! लैब और प्राइवेट अस्पतालों ने पेश किए स्पेशल जांच पैकेज

March 24, 2023 5:01 PM IST

World TB Day 2023: WHO ने टीबी के खात्मे के लिए सरकारी और सामाजिक स्तर पर सहयोग का आह्वान किया

March 24, 2023 4:54 PM IST

Latest News


  • सांस की बीमारी! हो जाएं अलर्ट; अस्पतालों में आ रहे 50 फीसदी H3N2 के मामले, ICMR के सर्वे ने किया ये बड़ा खुलासा
    by भाषा
    March 24, 2023
  • INR vs USD: रुपया 24 पैसे की गिरावट के साथ 82.44 प्रति डॉलर पर बंद
    by भाषा
    March 24, 2023
  • Varanasi: हर घंटे हजारों लोग करेंगे सड़क से 50 मीटर ऊपर सफर, PM मोदी ने किया तीसरे सबसे बड़े रोप-वे का उद्घाटन
    by बीएस संवाददाता
    March 24, 2023
  • Delhi: अब बार-बार टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं ! लैब और प्राइवेट अस्पतालों ने पेश किए स्पेशल जांच पैकेज
    by भाषा
    March 24, 2023
  • World TB Day 2023: WHO ने टीबी के खात्मे के लिए सरकारी और सामाजिक स्तर पर सहयोग का आह्वान किया
    by भाषा
    March 24, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
57527.10 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स57527
-3980.69%
निफ्टी57527
-3980%
सीएनएक्स 50014279
-1250.87%
रुपया-डॉलर82.62
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
ITI97.8411.19
Cyient1001.556.36
Minda Corp210.854.93
Adani Green1030.004.84
GE Shipping Co623.903.94
Zydus Wellness1531.353.89
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
ITI98.2012.04
Cyient1001.206.05
Adani Green1029.354.78
GE Shipping Co624.453.87
Adani Transmissi1124.553.70
Zydus Wellness1524.553.64
आगे पढ़े  

# TRENDING

Stocks To WatchShare Market TodayHindenburg | Jack DorseyDDMA | Mock Drill on EarthquakeNarendra ModiGoogle DoodleCorona UpdateRupee vs Dollar
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us