खुदरा ग्राहकों के आवर्ती भुगतानों में फरवरी में कम चूक देखी गई है। आवर्ती भुगतान में ऋण की किस्त, बीमा का प्रीमियम आदि शामिल होते हैं। राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में कुल ऑटो डेबिट लेनदेन में से 36.6 फीसदी असफल रहे। पूरे संदर्भ में बात करें तो 7.814 करोड़ डेबिट लेनदेन किए गए जिनमें से 4.949 करोड़ सफल रहे।
ऑटो डेबिट लेनदेन में असफलता का स्तर पिछले वर्ष जून में चरम पर था जब इसकी दर 45 फीसदी से ऊपर हो गई थी। तब से इसमें लगातार कमी आ रही है जिसका संकेत उपभोक्ताओं के समान मासिक किस्तों (ईएमआई) में आई उच्च नियमितता से मिलता है। नैशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस (एनएसीएच) प्लेटफॉर्म के जरिये असफल ऑटो डेबिट अनुरोधों को सामान्यतया बाउंस दर कहा जाता है। एनएसीएच डेबिट प्लेटफॉर्म का मोटे तौर पर उपयोग ऋणों, म्युचुअल फंडों में निवेशों और बीमा प्रीमियमों से संबंधित भुगतानों के संग्रह के लिए किया जाता है। लेकिन अधिकांश लेनदेन ऋण के पुनर्भगतान के लिए होते हैं। इस तथ्य के बावजूद कि बाउंस दर कोरोना महामारी के शुरुआती महीने में नजर आए चरम स्तर से धीरे धीरे कम हो रही है यह अभी भी कोविड से पूर्व के स्तर से उच्च स्तर पर बनी हुई है। फरवरी 2020 में बाउंस दर 31 फीसदी से थोड़ी अधिक रही थी।
इस साल जनवरी में करीब 36 फीसदी ऑटो डेबिट अनुरोध नकार दिए गए। दिसंबर में इसका स्तर 38 फीसदी थोड़ा अधिक रहा जबकि नवंबर में यह 40.5 फीसदी के उच्च स्तर पर था। सितंबर में करीब 40.83 फीसदी डेबिट अनुरोध नकार दिए गए था और अगस्त में 40.3 फीसदी अनुरोध नकार दिए गए थे। हालांकि, जुलाई में नकारे गए अनुरोध का स्तर करीब 42 फीसदी था जबकि जून में यह 45.36 के उच्चतम स्तर पर था। अप्रैल और मई में बाउंस दर 36 और 38 फीसदी रही थी।
चाबहार के लिए भेजी उपकरणों की दूसरी खेप
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि भारत ने ईरान में चाबहार बंदरगाह को उपकरण की दूसरी खेप की आपूर्ति की है। इससे पहले जनवरी में, भारत ने 2.5 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य के अनुबंध के तहत चाबहार बंदरगााह के लिए दो मोबाइल हार्बर क्रेन की खेप की आपूर्ति की थी। ऊर्जा के मामले में समृद्ध ईरान के दक्षिणी तट पर स्थित सिसतान-ब्लूचिस्तान प्रांत में इस बंदरगाह का विकास भारत, ईरान और अफगानिस्तान व्यापार संबंधों को मजबूती प्रदान करने के इरादे से कर रहे हैं। बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री मांडविया ने ट्विटर पर लिखा है, ‘चाबहार बंदरगाह विकसित करने की हमारी प्रतिबद्धता के साथ उपकरणों की दूसरी खेप शाहिद बेहस्ती टर्मिनल पहुंच गई है।’ भाषा