उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में विरोध प्रदर्शन में जा रहे चार किसानों की कार से कुचलकर हुई मौत, उसके बाद हिंसा में चार अन्य लोगों की मृत्यु के बाद हुए बवाल और विपक्ष के जबरदस्त हंगामे के बीच प्रदेश सरकार ने पीडि़त परिवारों को मुआवजा देने और न्यायिक जांच जैसे कदम उठाने का ऐलान किया है। प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिवार को 45 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। इसके अलावा मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी की गई। इसके साथ ही घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। सरकार की तरफ से घटना की न्यायिक जांच करने का वादा भी किया गया है। इस घटना की जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया उनमें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा, आशीष मिश्रा भी शामिल है।
प्रदेश सरकार की ओर से अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार और अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी तथा किसानों की ओर से भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के बीच वार्ता में इस पर सहमति बनी। बाचचीत में जिन चार बिंदुओं पर सहमति बनी है, उनके मुताबिक उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से घटना की न्यायिक जांच कराई जाएगी और मृतकों के परिवार के एक-एक सदस्य को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी मिलेगी। साथ ही मृतकों के परिवार को 45 लाख रुपये और घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। समझौते के मुताबिक जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि वह रविवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों के प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जाएंगे।
विपक्ष का प्रदर्शन
राजधानी लखनऊ में अपने घर से लखीमपुर के लिए निकलते समय समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव को रोका गया तो वह वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गए। बाद में उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। आजाद समाज पार्टी मुखिया चंद्रशेखर को भी रविवार रात को ही गिरफ्तार किया गया था। सोमवार सुबह रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के शिवपाल यादव सहित विपक्ष के कमोबेश सभी नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। लखनऊ के पुलिस आयुक्त (कमिश्नर) डी. के. ठाकुर ने अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव को हिरासत से छोड़े जाने की पुष्टि की है।
अनशन पर प्रियंका
घटना के तुरंत बाद रविवार देर रात लखीमपुर जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को रास्ते में पुलिस ने रोक कर हिरासत में ले लिया। रास्ते में कई जगह रोकने की नाकाम कोशिशों के बाद प्रियंका गांधी को सोमवार तड़के हरगांव में गिरफ्तार कर लिया गया। प्रियंका गांधी को सीतापुर पीएसी गेस्ट हाउस में रखा गया। प्रियंका ने पीडि़त किसान परिवारों से मुलाकात के बगैर वापस नहीं जाने का ऐलान किया है और उन्होंने अनशन शुरू कर दिया। कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने दावा किया, ‘अभी तक प्रियंका हिरासत में हैं और इससे देश भर में भारी रोष है। सीतापुर में कार्यकर्ताओं का बड़ा जमावड़ा हो रहा है।’ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीतापुर में पीएसी छावनी के सामने कैंडल मार्च भी निकाला।
सोमवार की शाम बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के दो मिनट में सुधर जाने और इसके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री के एक वीडियो प्रसारित होने के मामले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह भाजपा को नेतृत्व वाली सरकार की घोर जनविरोधी और तानाशाही प्रवृत्ति को साबित करता है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने लखीमपुर खीरी हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सोमवार को सवाल उठाया और मांग की कि अजय कुमार मिश्रा को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद से तत्काल हटाया जाए ताकि उत्तर प्रदेश की घटना मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके। किसानों की मौत के विरोध में भाजपा सांसद वरुण गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक चिट्ठी लिख कर इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने इसमें हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।