दक्षिण मुंबई में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ देखने के लिए कमोबेश पूरा देश टीवी की स्क्रीन से चिपका रहा।
मुठभेड़ का सीधा प्रसारण करने से हिन्दी खबरिया चैनलों की रेटिंग 27 नवंबर को चार गुना अधिक हो गई। हालांकि आतंकियों ने जो कोहराम मचाया उसका अंग्रेजी समाचार चैनलों ने भी लगातार सीधा प्रसारण किया है, पर असल बाजी हिन्दी चैनलों के नाम रही।
लाखों की संख्या में दर्शक अपने टेलीविजन चैनलों से चिपके पल पल की खबर लेते रहे।
मुंबई की ऑनलाइन रेटिंग एजेंसी एमैप से मिले आंकड़ों के अनुसार, 26-27 नवंबर जबसे यह हमला शुरू हुआ हिन्दी समाचार चैनलों के दर्शकों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है।
रात के 9 से लेकर 11 बजे के बीच केवल टीवी और घरों में टीवी देखने वाले हिन्दी समाचार चैनलों के दर्शकों (15 से ऊपर की उम्र के दर्शक) की संख्या में 6 से 7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
जबकि अंग्रेजी समाचार चैनलों के दर्शकों की संख्या भी 0.8 से 1 फीसदी बढ़ी है। वहीं इस घटना के एक दिन पहले हिन्दी समाचार चैनल देखने वाले दर्शकों की संख्या 1 से 2 फीसदी के करीब थी।
27 नवंबर को आज तक, आईबीएन 7, इंडिया टीवी, स्टार न्यूज और दूसरे हिन्दी चैनलों की ग्रॉस रेटिंग पॉइन्ट (जीआरपी) पिछले दिन की तुलना में बढ़ कर चार गुना हो गई।
जीआरपी के लिहाज से 27 नवंबर को आज तक 28.8 अंकों के साथ सबसे आगे रहा जबकि ठीक इसके एक दिन पहले चैनल की जीआरपी 7.9 रिकॉर्ड की गई थी।
एमैप के आंकड़ों के अनुसार इंडिया टीवी (21 जीआरपी), स्टार न्यूज (20.6 जीआरपी), आईबीएन 7 (17.5 जीआरपी) और एनडीटीवी (10.2 जीआरपी) भी जीआरपी के इस खेल में काफी आगे रहे हैं।
एक दिन में टेलीविजन चैनल जितना रेटिंग अंक हासिल करते हैं उसे ही जीआरपी कहा जाता है। जीआरपी के आधार पर ही चैनलों में विज्ञापन का खेल खेला जाता है।
मीडिया प्लैनिंग एजेंसी के सूत्र जो अधिकांश चैनलों पर नजर रखते हैं, ने बताया कि जहां अंग्रेजी समाचार चैनल बिना किसी ब्रेक के हमले का सीधा प्रसारण दिखा रहे थे, वहीं हिन्दी समाचार चैनल हर एक घंटे पर विज्ञापन के लिए ब्रेक ले रहे थे।
चैनलों से खफा हुई पुलिस
आतंकी मुठभेड़ दिखाने में लगे समाचार चैनलों से शुक्रवार को एक वक्त मुंबई पुलिस खफा हो गई और उसने शहर के सभी केबल और मल्टी सिस्टम ऑपरेटरों को प्रसारण रोकने के लिए फरमान जारी कर दिया।
उसका कहना था कि समाचार चैनल कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। इसके फौरन बाद मुंबई के कई?इलाकों में मुठभेड़ का प्रसारण दिखना बंद हो गया।?हालांकि बाद में पुलिस ने आदेश वापस ले लिया और प्रसारण बहाल हो गया।