प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारतीय वायु सेना के लिए मध्यम दर्जे के परिवहन विमान सी-295 की विनिर्माण सुविधा की आधारशिला रखने के बाद कहा कि भारत अब परिवहन विमानों का एक प्रमुख निर्माता बन जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र बन गया है और देश में आर्थिक सुधारों की एक नयी गाथा लिखी जा रही है क्योंकि मौजूदा सरकार की नीतियां ‘स्थिर, अनुमानित और भविष्योन्मुखी’ हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत परिवहन विमानों का एक प्रमुख निर्माता बनने जा रहा है और उन्हें वह दिन दिखाई दे रहा है जब देश में बड़े वाणिज्यिक विमान बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत अपने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ दृष्टिकोण के साथ अपनी ताकत को और बढ़ा रहा है और देश विश्व स्तर पर एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरा है।
मोदी ने कहा कि वडोदरा में सी-295 विमान के विनिर्माण से न केवल सेना को ताकत मिलेगी बल्कि इससे एयरोस्पेस ईकोसिस्टम भी तैयार होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की भारत की आकांक्षा में मील का पत्थर बताया।
इन विमानों का उत्पादन टाटा समूह और यूरोप की एरोस्पेस कंपनी एयरबस का गठजोड़ करेगा। देश में यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक सैन्य विमान का विनिर्माण निजी कंपनी द्वारा किया जाएगा। इस संयंत्र में बनने वाले इन मध्यम दर्जे के परिवहन विमानों की आपूर्ति भारतीय वायुसेना को की जाएगी। इसके अलावा विदेशी बाजारों को भी ये विमान निर्यात किए जाएंगे।
पिछले साल सितंबर में भारत ने प्रमुख विमान विनिर्माता कंपनी एयरबस डिफेंस ऐंड स्पेस के साथ 21,935 करोड़ रुपये का समझौता किया था जिसके तहत वायुसेना के पुराने पड़ चुके परिवहन विमान एवरो-748 की जगह लेने के लिए एयरबस से 56 सी-295 विमानों की खरीद का प्रावधान था।
इस समझौते के तहत एयरबस स्पेन के सेविले स्थित अपनी असेंबली इकाई से 16 विमानों को पूरी तरह तैयार स्थिति में चार साल के भीतर भारत को सौंपेगी। बाकी 40 विमानों को भारत में ही टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (टीएएसएल) के सहयोग से बनाया जाएगा।
भारत में स्थानीय स्तर पर बनने वाले पहले सी-295 विमान के वडोदरा विनिर्माण संयंत्र में सितंबर 2026 तक बनकर तैयार हो जाने की संभावना है। बाकी 39 विमानों को अगस्त 2031 तक बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने कहा कि इस संयंत्र में बनने वाला विमान उन्नत लैंडिंग ग्राउंड के अलावा कामचलाऊ हवाई-पट्टियों से भी उड़ान भर पाने में सक्षम होगा।
भारतीय वायुसेना को मिलने वाले सभी सी-295 विमान स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्रणाली से लैस होंगे जिसका विकास भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स मिलकर करेंगे। एयरबस का यह मध्यम परिवहन विमान पहली बार यूरोप से बाहर किसी देश में बनाया जाएगा। भारतीय वायुसेना के लिए निर्धारित 56 विमानों की आपूर्ति करने के बाद एयरबस को इस संयंत्र में तैयार विमानों को दूसरे देशों के असैन्य विमान परिचालकों को भी बेचने की इजाजत होगी।
रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा कि इस विमान के विनिर्माण में अधिकतम स्वदेशी उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वडोदरा संयंत्र में एयरबस अपने विदेशी संयंत्र का करीब 96 प्रतिशत उत्पादन कर सकेगी। भारत में 13,400 से अधिक कल-पुर्जे, 4,600 सब-असेंबली और विमान के सभी प्रमुख पुर्जों का निर्माण किया जाएगा।
