भारत ने आखिरकार कोविड-19 टीके की आपूर्ति के लिए खरीद करार पर आज हस्ताक्षर कर दिए। सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए दो कंपनियों- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के साथ सरकार ने टीके की आपूर्ति का करार किया है।
सूत्रों के अनुसार सीरम इंस्टीट्यूट पहली खेप में 1.1 करोड़ कोविशील्ड की आपूर्ति करेगी। इसकी कीमत 200 रुपये प्रति खुराक होगी। मामले के जानकारों का कहना है कि सरकार के लिए भारत बायोटेक के टीके की कीमत भी फिलहाल 200 रुपये प्रति खुराक के आसपास होगी, जो बाद में घट सकती है। दिल्ली से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘भारत बायोटेक के कोवैक्सीन की कीमत शुरू में 200 रुपये प्रति खुराक होगी लेकिन आपूर्ति बढऩे पर इसके दाम कम हो सकते हैं।’ हालांकि दोनों कंपनियों ने इस मामले में प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
घटनाक्रम के जानकारों का कहना है कि टीके की पहली खेप मंगलवार सुबह को हवाई जहाज से भेजी जा सकती है। सीरम ने पहले ही संकेत दिए थे कि वह सरकार को पहली 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति 200 रुपये प्रति खुराक के दाम पर करेगी। खुले बाजार में इसकी कीमत 1,000 रुपये प्रति खुराक हो सकती है। भारत बायोटेक ने दाम का कोई संकेत नहीं दिया था लेकिन कहा था कि दाम टीके की मात्रा पर निर्भर करेगा। वैसे, भारत बायोटेक ने यह भी कहा था कि उसके टीके की कीमत प्रतिस्पर्धी कंपनी से कम हो सकती है।
भारत शुरुआती दौर में 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की संभावना तलाश रहा है। इनमें मुख्य रूप से स्वास्थ्यकर्मी शामिल होंगे। हालांकि जुलाई तक सरकार 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की योजना बना रही है जिसके लिए 60 करोड़ खुराक की जरूरत होगी।
सूत्रों ने कहा कि शुरुआती खेप में 1.1 करोड़ कोविशील्ड की खुराक की आपूर्ति की जाएगी। हालांकि अभी स्पष्ट नहीं है कि 60 करोड़ खुराक को केंद्र दोनों कंपनियों के बीच किस तरह से बांटेगी। दोनों निर्माताओं के पास करीब 7 करोड़ खुराक तैयार हैं, जिनकी सरकार को आपूर्ति की जा सकती है। सीरम के पास 5 करोड़ खुराक तैयार हैं, वहीं भारत बायोटेक के पास करीब 2 करोड़ खुराक तैयार हैं।
मामले के जानकार एक शख्स ने बताया कि कोवैक्सीन की कीमत फिलहाल 200 रुपये प्रति खुराक होगी और बाद में निर्माण बढऩे पर इसके दाम कम हो सकते हैं। कंपनी ने संकेत दिए हैं कि वह सालाना करीब 70 करोड़ खुराक की आपूर्ति कर सकती है। जुलाई तक कंपनी के पास 15 करोड़ खुराक तैयार हो जाएगी।
3 जुलाई को देश के औषधि नियामक ने दो टीकों – कोविशील्ड (सीरम) और कोवैक्सीन (भारत बायोटेक) को प्रतिबंधित आपात उपयोग की अनुमति दी थी। इनमें से कोवैक्सीन का अभी तीसरे चरण को परीक्षण चल रहा है, ऐसे में क्लीनिकल परीक्षण मॉडल के तहत उसे मंजूरी दी गई है। प्रतिबंधित उपयोग का मतलब है कि कंपनी के पास देश या विदेश में खुले बाजार में इसकी बिक्री करने का अधिकार नहीं होगा। सीरम ने पहले ही गावी-कोवैक्स के साथ आपूर्ति का करार किया हुआ है। भारत बायोटेक का दावा है कि यूरोपीय देशों और अमेरिका ने कोवैक्सीन में दिलचस्पी दिखाई है। कोवैक्सीन लेने से पहले लोगों को इसके लिए सहमति देनी होगी और टीका लगाने के बाद इसकी नियमित निगरानी करने की जरूरत होगी। नियामक ने सीरम से कहा है कि अगर कोई प्रतिकूल मामले आते हैं तो पहले दो महीने में हर 15 दिन पर इसकी जानकारी साझा करनी होगी।
