गौतम अदाणी के नेतृत्व में अदाणी समूह ने मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (मायल) में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली है। समूह ने जीवीके समूह और अन्य अल्पांश शेयरधारकों से यह हिस्सेदारी खरीदी है। मायल देश के दूसरे सबसे बड़े मुंबई हवाईअड्डा का परिचालन करती है। इस सौदे को लेकर पिछले दो वर्षों से जीवीके समूह का मालिक रेड्डी परिवार खरीदार की तलाश कर रहा था और अंतत: सोमवार को अदाणी के साथ सौदा पूरा हो गया। इससे पहले रेड्डी परिवार ने हिस्सेदारी बेचने के लिए विदेशी निवेशकों के एक समूह के साथ बाध्यकारी समझौता भी किया था। अदाणी समूह भी मायल में हिस्सेदारी खरीदना चाहती थी, लेकिन रेड्डी परिवार उसके साथ सौदा नहीं करना चाहता था और इसे लेकर दोनों समूहों के विवाद भी खड़ा हो गया था।
सूत्रों ने कहा कि जीवीके पर सौदा करने के लिए इसके कर्जदाताओं ने खासा दबाव बनाया था। कोविड-19 महामारी से हवाईअड्डा कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो गया था और कर्जदाताओं को लगने लगा कि जीवीके समूह कर्ज लौटाने की क्षमता खो चुका है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मायल में रकम की हेराफेरी के आरोप में जी वी के रेड्डी, उनके पुत्र संजय रेड्डी के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था। इससे रेड्डी परिवार के लिए मश्किलें और बढ़ गई और कर्जदाताओं ने मायल ने फॉरेंसिक ऑडिट के लिए मॉयल के खाते में लेनदेन रोक दिया।
जीवीके समूह ने 2017 में बेंगलूरु हवाईअड्डे में भी अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी थी। अब मुंबई हवाईअड्डे में अदाणी को हिस्सेदारी बेचने के साथ ही रेड्डी का जीवीके समूह हवाईअड्डा परिचालन कारोबार से बाहर हो गया है। समूह ने मुंबई हवाईअड्डा के प्रबंधन के लिए 2006 में बोली जीत कर इस कारोबार में कदम रखा था। दोनों समूहों के बीच हुए लेनदेन के तहत हवाईअड्डा कारोबार के लिए अदाणी समूह की होल्डिंग कंपनी अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स जीवीके समूह में 50.5 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करेगी।
इसके अलावा एएएचएल अल्पांश शेयरधारक एयरपोर्ट कंपनी ऑफ साउथ अफ्रीका (एसीएसए) और बिडवेस्ट की 23.5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी। इससे पहले जीवीके ने इन दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी बिक्री के प्रयासों के खिलाफ यह कहते हुए न्यायालय का रुख किया था कि उसके पास पेशकश पर पहले निर्णय लेने का अधिकार है। हालांकि जीवीके समूह रकम जुटाने में नाकाम रही है। मायल में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के बाद अदाणी समूह का प्रस्तावित नवी मुंबई हवाईअड्डा पर भी नियंत्रण हो जाएगा। मायल में अदाणी के हिस्सेदारी खरीदने पर क्रिसिल में डायरेक्टर ऐंड प्रैक्टिस लीड, ट्रांसपोर्ट ऐंड लॉजिस्टिक, जगन्नारायण पद्मनाभन ने कहा, ‘बुनियादी क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी के कमान संभालने के बाद मायल को वित्तीय मदद मिलेगी, जिसकी तलाश उसे लंबे समय से थी। इससे नवी मुंबई हवाईअड्डे के लिए भी अधिक पूंजी आवंटन में मदद मिलेगी।’
