देश की सबसे बड़ी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी भारती एयरटेल के कर्ता धर्ता सुनील भारती मित्तल की कंपनी भारती एयरटेल लिमिटेड ने इस महीने घोषणा की कि उनकी कंपनी दक्षिण अफ्रीका के एमटीएन समूह के अधिग्रहण के लिए बात कर रही है।
अगर यह सौदा पूरा हो जाता है तो किसी भारतीय कंपनी की ओर से यह अब तक का सबसे बड़ा विदेशी अधिग्रहण होगा। भले ही इस करार को लेकर अभी वार्ताओं का दौर जारी है, पर संभावना है कि जल्द ही इस पर अंतिम मुहर लगेगी।
टाटा स्टील ने पिछले साल 13 अरब डॉलर में यूरोप की बड़ी कंपनी कोरस का अधिग्रहण कर जो चौका जड़ा था, हो सकता है मित्तल का यह करार उससे भी बड़े एक छक्के की तरह हो। वजह यह है कि एमटीएन केअधिग्रहण के लिए भारती एयरटेल को 20 अरब डॉलर यानी 80 हजार करोड़ रुपये चुकाने पड़ सकते हैं। पर मित्तल ने अभी तक इस करार को लेकर कोई स्पष्ट खुलासा नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि अभी वार्ता प्रारंभिक दौर पर है, लेकिन मीडिया जानकारों का मानना है कि मित्तल इस कंपनी को अपनी झोली में डालने के लिए 50 अरब डॉलर तक खर्च सकते हैं। हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह रकम अपने आप में बहुत बड़ी है और इसे चुकाना मित्तल के मुश्किल होगा। उन्हें जानने वाले लोगों का यह भी कहना है कि मित्तल स्वभाव से ऐसे हैं कि वह अपने पैर उतने ही पसारते हैं जितनी बड़ी उनकी चादर होती है।
एक राजनीतिक नेता के बेटे मित्तल ने पंजाब के लुधियाना से अपने कारोबार की शुरुआत की थी, वह भी एक छोटे से रिटेल स्टोर के जरिए। इससे पहले मित्तल ने 1976 में, जब वह महज 18 साल के थे, अपने पिता से 20,000 रुपये कर्ज लेकर साइकिल के कल पुर्जे बनाने का व्यवसाय शुरू किया था। तेईस अक्टूबर को जन्मे मित्तल को अंक ज्योतिष में विश्वास है, शायद यही वजह है कि उनके मोबाइल नंबर के साथ साथ उनके ड्राइविंग लाइसेंस में भी 13 अंक आता है।
इतना ही नहीं मित्तल कोई भी महत्त्वपूर्ण बैठक इसी तारीख को करना पसंद करते हैं। ऐसे में यह अटकलें भी जोर मार रही हैं कि एमटीएन के अधिग्रहण की औपचारिक घोषणा 23 मई को की जा सकती है। यह भी संभावना है कि इससे पहले 17 मई को भी अधिग्रहण का खुलासा कर दिया जाए क्योंकि, इस दिन विश्व दूरसंचार दिवस मनाया जाता है। ऐसे में भारत के लिहाज से इस सुनहरे करार के लिए दूसरा कौन सा दिन हो सकता है।
मित्तल की उपलब्धियों की फेहरिस्त काफी लंबी है। मित्तल पिछले वर्ष स्विटजरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की सह अध्यक्षता कर चुके हैं। उनकी कंपनी जब भी विदेशों में अपने कार्यविस्तार पर काम करती है तो वह किसी विदेशी कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम के रूप में ही होता है। कंपनी वॉलमार्ट स्टोर्स, एक्सा और रॉशचाइल्ड के साथ साझा उपक्रम कर चुकी है। करीब 38 अरब डॉलर की भारती एयरटेल देश के 23 सर्किलों में 6.2 करोड़ लोगों को जीएसएम मोबाइल सेवा उपलब्ध कराती है।