प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पीएम किसान की 8वीं किस्त जारी की। इसके माध्यम से 9.5 करोड़ किसानों को कुल 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का आर्थिक समर्थन मिला है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये वित्तीय सहायता दी जाती है। यह राशि किसानों के खातों में सीधे स्थानांतरित की जाती है और इसका भुगतान 2,000 रुपये की तीन किस्तोंं में हर 4 महीने पर होता है। यह योजना फरवरी 2019 में शुरू की गई थी, लेकिन दिसंबर 2018 से लागू माना गया था। बहरहाल यह पहला मौका है जब पश्चिम बंगाल के करीब 7,03,000 किसानों को लाभ पहुंचा है और उनके खातों में 2,000 रुपये गए हैं।
एक वर्चुअल कार्यक्रम में वित्तीय लाभ जारी करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज बंगाल के किसानों तक इस योजना की पहली किस्त पहुंची है। राज्य की ओर से केंद्र सरकार को लाभार्थी किसानों के नाम मिलने के साथ यह संख्या बढ़ती जाएगी।’ पश्चिम बंगाल में यह योजना लागू नहीं हो सकी थी क्योंकि केंद्र व राज्य सरकार में विभिन्न मसलों पर मतभेद था, जिसमें किसानों के आंकड़ों की पुष्टि भी शामिल है।
किसानों को लिखे खुले पत्र में शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य के किसानों तक लाभ का विस्तार किया जाना उनकी सरकार के लगातार संघर्ष का नतीजा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्य के लाभार्थियों को धन के हस्तांतरण को लेकर हीला हवाली करती रही है।
विधानसभा चुनाव जीतने के तुरंत बाद बनर्जी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर प्रत्येक पात्र किसान का 18,000 करोड़ रुपये बकाया जारी करने की मांग की थी। केंद्र सरकार का दावा है कि योजना शुरू होने के बाद अब तक 1,35,000 करोड़ रुपये 10 करोड़ किसानों के खाते में सीधे स्थानांतरित किए जा चुके हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, जो इस मौके पर मौजूद थे, ने कहा कि उनका मंत्रालय हर संभव कवायद कर रहा है कि पीएम-किसान के तहत 100 प्रतिशत लाभार्थियों को लाभ मिल सके।
प्रधानमंत्री ने भी कहा कि कोविड महामारी के कारण किसान क्रेडिट कार्ड के नवीकरण की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है।