स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत में 80 प्रतिशत से अधिक कोविड मामले 49 जिले में केंद्रित रहे हैं। देश में एक दिन में रिकॉर्ड स्तर पर संक्रमण के 24,000 मामलों की पुष्टि होने और देश में कुल संक्रमितों की तादाद 767,000 हो जाने के बावजूद स्वास्थ्य मंत्रालय ने महामारी के सामुदायिक स्तर पर प्रसार होने की बात खारिज की है।
लगभग एक महीने के बाद कोविड से जुड़ा अपडेट देने के लिए संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रति 10 लाख की आबादी पर कोविड के मामले और उससे होने वाली मौतें भारत में क्रमश: 538 और 15 के आंकड़े के साथ साथ सबसे कम है जबकि देश में सक्रिय मामलों की तादाद की तुलना में महामारी से ठीक होने वाले मामले की संख्या 1.75 गुना थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेष कार्य अधिकारी अधिकारी राजेश भूषण ने कहा कि प्रत्येक 10 लाख की आबादी पर होने वाली मौत स्पेन और ब्रिटेन में 40 गुना अधिक हैं। भारत में कोविड से होने वाली आधे से अधिक मौत 60 से अधिक उम्र वर्ग के लोगों की हुई है जो कुल आबादी का 10 प्रतिशत है। भूषण ने यह भी कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा एंटीबॉडी जांच के जरिये बीमारी के प्रसार का अध्ययन करने के लिए कराए गए सीरो सर्वे के नतीजे समीक्षा के बाद जारी किए जाएंगे और संगठन द्वारा देश भर में एक नया अध्ययन भी कराया जाएगा।
नैशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल द्वारा दिल्ली के 11 जिलों में सीरो अध्ययन भी कराया गया है। अध्ययन के लिए 27 जून से 5 जुलाई तक करीब 22,000 नमूने एकत्र किए गए और 15 प्रयोगशालाओं के जरिये जांच किया गया जिसे जल्द ही जारी किया जाएगा।
भारत बायोटेक के टीके के लिए परीक्षण में तेजी लाने और 15 अगस्त तक इसे लॉन्च करने से जुड़े आईसीएमआर के पत्र पर भूषण ने कहा कि पत्र का आशय यह था कि गुणवत्ता से समझौता किए बिना नागरिकों के लिए टीके की उपलब्धता हो। दुनिया में कोरोना के टीके के लिए 100 से अधिक वैक्सीन कैंडिडेट हैं और भारत में दो टीके पर काम चल रहा है जिसमें आईसीएमआर के सहयोग से तैयार किया जा रहा भारत बायोटेक का टीका और कैडिला हेल्थकेयर का टीका शामिल है। दोनों कंपनियों ने पशुओं से जुड़ा प्रयोग कर लिया है और अब पहले चरण और दूसरे चरण के परीक्षणों के साथ आगे बढऩे की मंजूरी हासिल की है।
आईसीएमआर की वैज्ञानिक निवेदिता गुप्ता ने कहा, ‘हम जल्दी से टीका तैयार करना चाहते है। दो साल के बाद तैयार टीका किसी भी काम का नहीं होगा और आईसीएमआर के पत्र का भी यही आशय था।’ स्वास्थ्य मंत्रालय भी कोरोनावायरस के हवा के जरिये फैलने के सबूतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के संपर्क में है। भूषण ने कहा, ‘हम लोग से कह रहे हैं कि कोविड को ध्यान में रखते हुए उचित व्यवहार अपनाएं। यह एक गतिशील स्थिति है और वैज्ञानिक सबूत सामने आने के साथ ही हमें अपने कदमों में और सुधार लाना होगा।’
