बंदरगाह संबंधी विकास के लिए केंद्र की सागरमाला योजना में शुक्रवार को 735 और परियोजनाएं जुड़ गईं, जिससे 6.5 लाख करोड़ रुपये की लागत के साथ परियोजनाओं की संख्या 1,537 हो गई। बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने यह जानकारी दी।
समुद्री परियोजना की देखरेख करने वाली मुख्य समिति – राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति की बैठक के बाद मंत्री ने घोषणा की कि सरकार देश भर में तटीय जिलों के विकास के लिए 58,700 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू करेगी।
मंत्री ने कहा ‘हालांकि सागरमाला बंदरगाह-प्रधान है और लॉजिस्टिक तथा एग्जिम (निर्यात-आयात) की लागत में कटौती पर केंद्रित है, लेकिन तटीय जिलों के सर्वांगीण का उद्देश्य बुनियादी ढांचे के अंतराल को पाटना और आर्थिक अवसर पैदा करना है।’ फिलहाल मंत्रालय देश भर में 11 तटीय आर्थिक क्षेत्रों (सीईजेड) के विकास के लिए राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य वाली योजना पर काम कर रहा है।
वर्ष 2015 में गठित की गई इस शीर्ष समिति की बैठक में पूर्व जहाजरानी मंत्री और अब सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ-साथ विभिन्न राज्य सरकारों के नेताओं ने भी शिरकत की।
जहाजरानी मंत्रालय अब तक 99,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पूरी कर चुका है और दो लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं पाइपलाइन में है, जो वित्त वर्ष 24 तक पूरी की जानी हैं। इसमें जोड़ी गई कई परियोजनाओं को सागरमाला के तहत राज्य सरकारों की मौजूदा परियोजनाओं के साथ मिलाकर विकसित किया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने इस बात का संकेत दिया है कि बंदरगाह विकास को एकीकृत करने के लिए ऐसा किया जा रहा है, क्योंकि इन परियोजनाओं को अब केंद्र द्वारा वित्तीय रूप से समर्थन दिया जाएगा।
