घरेलू टीवी विनिर्माताओं की मांग खारिज करते हुए सरकार ने एक अक्टूबर से ओपन सेल के आयात पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क फिर से लगाने का फैसला किया है। यह टेलीविजन विनिर्माण का मुख्य पुर्जा है। 25,000 करोड़ रुपये के टीवी उद्योग ने कहा है कि इस कदम से देश भर के बाजारों में टीवी के दाम बढ़ेंगे। साथ ही देश के टीवी विनिर्माताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जो पहले से ही अपर्याप्त आपूर्ति के संकट से जूझ रहे हैं। वहीं सरकार के सूत्रों ने कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी की संभावना को खारिज किया है।
टीवी के पुर्जों के आयात पर सीमा शुल्क में छूट एक साल के लिए 30 सितंबर तक दी गई थी। घरेलू विनिर्माताओं ने यह तिथि आगे बढ़ाए जाने की मांग की है।
यह पूछे जाने पर कि आगामी अक्टूबर से पैनल पर शुल्क छूट खत्म होने से टेलीविजन सेट का दाम बढऩे की संभावना है, वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि उद्योग ने ओपन सेल की घरेलू क्षमता बढ़ाने के लिए वक्त मांगा था और इसी के आधार पर छूट दी गई थी।
सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा कि यह कदम सरकार की टेलीविजन व उसके पुर्जों के चरणबद्ध विनिर्माण योजना (पीएमपी) का हिस्सा है, जिसके तहत उद्योग को क्रच वाकिंग (जिसके तहत टेलीविजन एसेंबलिंग होती है और यह पूरी तरह से इसके सभी पुर्जों के आयात पर निर्भर होता है) से निकालने की योजना है।
उन्होंने कहा, ‘कब तक शुल्क में छूट जारी रखी जा सकती है? टीवी उद्योग को चरणबद्ध विनिर्माण की मूल धारणा के बारे में अच्छी तरह पता है। यह छूट सीमित अवधि के लिए इस मकसद से दी गई थी कि उद्योग महत्त्वपूर्ण पुर्जों के भारत में विनिर्माण की क्षमता विकसित कर लेगा।’
सूत्र ने कहा कि आत्मनिर्भर होने के लिए घरेलू विनिर्माता आयातित पुर्जों के असेंबलिंग पर नहीं बने रह सकते। उन्होंने कहा कि भारत का विनिर्माण उद्योग हमेशा के लिए आयात पर जिंदा नहीं रह सकता।
इस मामले से जुड़े एक और सूत्र ने कहा कि पिछले साल 7,000 करोड़ रुपये के टेलीविजन का आयात हुआ है।
उद्योग जगत फैसले से कम उत्साहित है।
कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीईएएमए) के अध्यक्ष और गोदरेज अप्लायंसेज के बिजनेस हेड व ईवीपी कमल नंदी ने कहा, ‘सीमा शुल्क बहाल करने से टीवी उद्योग पर अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा, जो पहले से ही कोविड के कारण दबाव से गुजर रहा है। यह घरेलू विनिर्माताओं को प्रतिस्पर्धा में कमजोर कर सकता है। कुल उत्पादन लागत में ओपन सेल की हिस्सेदारी करीब 65 प्रतिशत है और इससे टीवी के दाम बढ़ सकते हैं।’
वीजियोटेक्स इंटरनैशनल के निदेशक अर्जुन बजाज के मुताबिक जून के बाद से ओपन सेल के दाम पहले ही 100 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘पैनलों की आपूर्ति कम हुई है और 32 इंच के सभी मॉडलों के सेल की कीमत दोगुनी हो गई है। हम कीमतें बढऩे से पहले ही प्रभावित हैं और सिर्फ जरूरी मांग के लिए आपूर्तिकर्ताओं को ऑर्डर दे रहे हैं।’
दूसरे लोकप्रिय साइज 40-43 इंच की कीमतों में 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। उद्योग के एक अधिकारी के मुताबिक इसकी वजह से इस रेंज में कीमत 30 से 40 प्रतिशत बढ़ेगी।
