कोविड-19 की दूसरी लहर से सरकार पर राजस्व को लेकर अतिरिक्त बोझ पडऩे की उम्मीद है। वहीं केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) चेयरमैन व दो सदस्यों के साथ काम कर रहा है। जनवरी में सचिवों की समिति (सीओएस) द्वारा नामों के चयन और फरवरी में कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) की ओर से नामों की मंजूरी के बावजूद बोर्ड में 4 रिक्तियां नहीं भरी जा सकी हैं।
रिक्तियां रहने से विभाग का रोजाना का कामकाज प्रभावित हो रहा है। आयकर अधिकारियों ने कहा कि बोर्ड के पास रोजमर्रा की फाइलें भी लंबित हैं। इसकी वजह से पिछले कुछ महीनों से अधिकारियों की आंतरिक पोस्टिंग भी रुकी हुई है। यह रिक्तियां ऐसे समय में हैं, जब भारत को वोडाफोन और केयर्न सहित पूर्ववर्ती कराधान से संबंधित मामले में अंतरराष्ट्रीय पंचाट में मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है। सदस्यों के 4 खाली पदों में प्रशासन, कानून, जांच व आयकर एवं राजस्व सदस्यों के पद शामिल हैं। दरअसल दो सदस्य केएम प्रसाद और एसके गुप्ता भी अगले 3 महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, जबकि चेयरमैन का कार्यकाल इस महीने के अंत तक पूरा होने वाला है। चेयरमैन पीसी मोदी को पहले भी 2 कार्यविस्तार दिया जा चुका है। पिछली बाद उनका कार्यकाल फरवरी में 3 महीने के लिए बढ़ाया गया था। गुप्ता टैक्सपेयर्स सर्विसेज ऐंड सिस्टम्स के सदस्य हैं, जो कानून का अतिरिक्त पदभार संभाल रहे हैं, पिछले साल फिर से नियुक्त किया गया था। प्रसाद ऑडिट और न्यायिक सदस्य हैं, वह आयकर और राजस्व सदस्य का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे हैं। मोदी सदस्य, जांच और सदस्य, प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय कराधान का अतिरिक्त पदभार संभाल रहे हैं।
एसीसी ने चयन प्रक्रिया के बाद 4 नामों- रश्मि सक्सेना साहनी, अनु जे सिंह, जेबी महापात्र और अनुजा सारंगी के नामों को मंजूरी दी थी। बहरहाल इनकी नियुक्ति अभी होनी है।
एक आयकर अधिकारी ने कहा, ‘बोर्ड में पद खाली होने की वजह से विभाग में पोस्टिंग रुकी हुई है। विभाग की प्लेसमेंट समिति के लिए पर्याप्त सदस्य नहीं हैं क्योंकि इसके लिए 3 सदस्यों की जरूरत होती है। देश को अंतरराष्ट्रीय पंचाट में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, राजस्व कम हो रहा है और डिजिटल कर पर बहुपक्षीय समाधान निकालना है। ऐसे में पूरी तरह से काम करने वाले एक बोर्ड की जरूरत है।’
कम से कम 11 अधिकारियों की पदोन्नति प्रधान मुख्य आयुक्तों (पीसीसीआईटी) पर हो चुकी है, जिनकी पोस्टिंग होनी है। आयकर विभाग में यह शीर्ष पद हैं। एसीसी द्वारा नियुक्त 60 से ज्यादा मुख्य आयुक्तों की पोस्टिंग अभी बाकी है। नवंबर, 2019 में सेवानिवृत्त हुए सीबीडीटी के पूर्व सदस्य अखिलेश रंजन का पद अभी खाली है। रंजन अंतरराष्ट्रीय कराधान मामलों में भारत के मुख्य वार्ताकार थे और अब चेयरमैन खुद यह काम देख रहे हैं।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय कराधान मामलों को इस समय चेयरमैन खुद देख रहे हैं, जबकि इसके लिए पहले एक समर्पित सदस्य थे। यह अहम नियुक्ति है, खासकर ऐसे समय में, जब भारत को डिजिटल कराधान में बहुपक्षीय स्तर पर प्रमुख भूमिका निभानी है।’
इन नियुक्तियों पर सीबीडीटी के प्रवक्ता को भेजे गए प्रश्नों का उचित जवाब नहीं मिल सका।
