देश में कोविड-19 मामलों में तेजी देखी जा रही है और राष्ट्रीय स्तर पर रोजाना करीब 12,000 मामले देखे जा रहे हैं। इनमें से ज्यादातर मामले दोबारा संक्रमण के हैं। लोकल सर्कल्स के ताजा सर्वेक्षण में देश के 301 जिले के 35,000 नागरिकों की तरफ से मिली प्रतिक्रिया दर्शाती है कि इनमें से करीब 18 प्रतिशत लोगों के परिवार के कम से कम एक सदस्य पिछले छह महीने में कोविड-19 से दोबारा संक्रमित जरूर हुए हैं।
सबसे अहम बात यह है कि सर्वेक्षण में शामिल 46 फीसदी लोगों का कहना है कि पहले संक्रमण के मुकाबले दूसरा संक्रमण ज्यादा गंभीर रहा। लोकल सर्कल्स को यह भी संकेत मिले हैं कि कोविड-19 का दोबारा संक्रमण अल्फा, बीटा और डेल्टा संक्रमण की तुलना में ओमीक्रॉन से ज्यादा मिलता-जुलता है।
नागरिकों के सर्वेक्षण में कुछ अन्य दिलचस्प नतीजा यह निकल कर आया है कि करीब 45 फीसदी लोगों का कहना है कि पहली बार संक्रमित होने के कुछ हफ्ते बाद ही वे दोबारा संक्रमित हो गए। वहीं 27 फीसदी लोगों का कहना है कि वे छह महीने के अंतराल के बाद दोबारा संक्रमित हुए हैं। लोकल सर्कल्स का कहना है कि लोग अब कुछ हफ्ते में ही दोबारा संक्रमित हो जा रहे हैं।
कुछ वैश्विक अध्ययन से यह संकेत मिलते हैं कि कोविड-19 के दोबारा संक्रमण से किसी व्यक्ति के कोविड से संक्रमित होने और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं का जोखिम और बढ़ गया है। वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसन और वीए सेंट लुई हेल्थ केयर सिस्टम के विशेषज्ञों के एक ताजा अध्ययन के मुताबिक एक्यूट सार्स-कोव-2 के दोबारा संक्रमण से मृत्यु होने की सभी संभावनाओं और पहले सार्स-कोव-2 संक्रमण के दौरान अस्पताल में भर्ती जैसी स्थिति का जोखिम बढ़ जाता है।
भारत में दिसंबर-जनवरी की तीसरी लहर कोरोनावायरस के बीए.1 और बीए.2 स्वरूप के चलते आई थी। इस वक्त बीए.2.12.1 और बीए.5 चलन में है। जीनोम सीक्वेंसिंग डेटा यह संकेत देते हैं कि बीए.2 अब भी दबदबे वाला स्वरूप है जिसकी हिस्सेदारी 70 फीसदी तक है जबकि बीए.5 में तेजी है। लोकल सर्कल्स का अनुमान है कि दर्ज मामलों की तुलना में संक्रमण की वास्तविक संख्या 5 गुना है।
लोकल सर्कल्स का कहना था कि वायरस से दोबारा संक्रमित होने वालों में संक्रमण की गंभीरता से जुड़े सवाल पर करीब 21 प्रतिशत लोगों ने बताया कि पहला संक्रमण ज्यादा गंभीर था जबकि दूसरा संक्रमण हल्का था। वहीं 21 फीसदी लोगों ने यह भी कहा कि उनका पहला संक्रमण मामूली जबकि दूसरा संक्रमण भी गंभीर नहीं हुई जबकि 46 प्रतिशत लोगों का कहना है कि पहला संक्रमण हल्का था लेकिन लक्षण के लिहाज से दूसरा संक्रमण अधिक गंभीर हो गया था।
हालांकि करीब 12 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे तीन दफा संक्रमण की चपेट में आए और यह काफी गंभीर भी हुआ लेकिन बाद के संक्रमण के साथ यह हल्का होता गया। लोकल सर्कल्स का कहना है कि इन सवालों को देश भर से कुल 11,606 प्रतिक्रिया मिली। कुल सर्वेक्षण में देश के करीब 301 जिले से 35,000 प्रतिक्रिया मिली जिनमें से 67 प्रतिशत प्रतिक्रिया पुरुषों से जबकि 33 प्रतिशत प्रतिक्रिया महिलाओं से मिली। करीब 42 फीसदी प्रतिक्रिया टीयर-1 शहरों और महानगरों से मिली जबकि 35 प्रतिशत प्रतिक्रिया टीयर-2 शहरों और जिले से मिली। वहीं 23 प्रतिशत प्रतिक्रिया टीयर 3 और टीयर 4 शहरों और ग्रामीण जिले से मिली। लोकल सर्कल्स एक सामुदायिक सोशल मीडिया मंच है।
