घटती मांग और कोविड-19 की बूस्टर खुराक के संबंध में लिए जाने वाले निर्णय के बीच निजी अस्पतालों ने लोगों को मुफ्त इंजेक्शन देते हुए मियाद खत्म होने जा रहे अपने टीकों के स्टॉक को खत्म करना शुरू कर दिया है। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि देश भर में निजी अस्पताल में अप्रयुक्त स्टॉक की लगभग एक करोड़ खुराक बची हुई हैं, जिनमें से 15 से 20 प्रतिशत टीकों की मियाद समाप्त होने वाली है। दिसंबर तक कोविड-19 के लगभग 20 लाख टीके बेकार होने जा रहे हैं। इस वजह से प्रमुख अस्पतालों ने अब लोगों को मुफ्त टीका देना शुरू कर दिया है। हालांकि कुछ अस्पतालों का कहना है कि वे जनवरी के मध्य में फैसला करने के लिए स्थिति की समीक्षा करेंगे।
एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (इंडिया)- एएचपीआई के महानिदेशक गिरिधर ज्ञानी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि हालांकि उन्होंने निजी अस्पतालों के पास पड़े स्टॉक का अनुमान लगाने के लिए कोई कवायद नहीं की है, लेकिन अनुमान लगाया जा सकता है कि लगभग 50 लाख से एक करोड़ तक खुराक उपलब्ध और अप्रयुक्त हैं। उन्होंने बताया कि इस बात का अनुमान लगाया जा सकता है कि देश के कई निजी अस्पतालों के पास कम से कम 50 लाख से लेकर एक करोड़ तक बिना इस्तेमाल वाली खुराकें पड़ी हुई हैं और इसमें से करीब 15 से 20 प्रतिशत खुराकों की मियाद दिसंबर में खत्म होने वाली है। शेष खुराकों की उपभोग की अवधि मार्च तक होगी।
निजी अस्पतालों के अलावा, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास 23 नवंबर तक 21.9 करोड़ अप्रयुक्त खुराकें उपलब्ध थीं जिन्हें केंद्र द्वारा वितरित किया गया था। टीकाकरण की मौजूदा दर के हिसाब से यह लगभग एक महीने का स्टॉक है। खरीदे गए टीकों की मांग कम होने की वजह से निजी अस्पतालों ने टीकों के और ऑर्डर देने कम कर दिए थे और वे उपलब्ध स्टॉक को निपटाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
मणिपाल ग्रुप जनवरी के मध्य में स्थिति की समीक्षा करने की योजना बना रहा है। देश की दूसरी सबसे बड़े निजी अस्पताल की शृंखला मणिपाल हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक एमडी दिलीप जोस ने कहा कि हम उपलब्ध मियाद खत्म होने के मद्देनजर अपने टीका स्टॉक के मामले में किसी समस्या का अनुमान नहीं लगा रहे हैं। हम जनवरी के मध्य तक स्थिति की समीक्षा करेंगे और किसी भी स्थिति में यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई खुराक बरबाद न हो।
पिछले सप्ताहांत बॉम्बे अस्पताल ने टीके की मुफ्त खुराक देना शुरू किया था, क्योंकि वे अपनी खुराक बरबाद नहीं करना चाहते थे। शुक्रवार को ही करीब 220 लोगों को मुफ्त इंजेक्शन लगाए गए। इस अस्पताल के पास 17,000 खुराकों का स्टॉक है।
शहर के कई अस्पतालों के पास 10,000 से लेकर 20,000 तक खुराक बची हुई है। उदाहरण के लिए हिंदुजा अस्पताल के पास लगभग 15,000 ऐसी खुराक हैं, जिनकी मियाद अप्रैल-मई तक है। अस्पताल के मुख्य परिचालन अधिकारी जॉय चक्रवर्ती का कहना है कि वे राहत वाले हालात में हैं। हीरानंदानी अस्पताल जैसे अन्य अस्पतालों ने इस बात का संकेत दिया है कि वे दो महीने और इंतजार करेंगे तथा अगर तब भी उनके पास अप्रयुक्त स्टॉक रहता है, तो वे इसे अस्पताल के कर्मचारियों और बुजुर्गों को देना शुरू कर देंगे। नैटहेल्थ के अध्यक्ष और महाजन इमेजिंग के संस्थापक व प्रबंध निदेशक हर्ष महाजन ने कहा कि निजी क्षेत्र में अच्छा-खासा अप्रयुक्त स्टॉक मुफ्त सरकारी टीकों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक लागत की वजह से है। उन्होंने कहा ‘निजी अस्पताल निजी क्षेत्र में दूसरों के साथ साझेदारी करते हुए और सरकार से लागत मूल्य पर टीके वापस खरीदने का अनुरोध करते हुए स्टॉक निपटाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। टीका विनिर्माताओं से अप्रयुक्त स्टॉक वापस लेने का अनुरोध करने का भी प्रयास किया जा रहा है, क्योंकि इन टीकों को जितनी जल्दी लगाया जाता है, महामारी की तीसरी लहर को नाकाम करने की संभावना उतनी ही अधिक होती है। उन्होंने कहा कि इन स्टॉक को लाभकारी ढंग से इस्तेमाल करने का एक तरीका यह भी हो सकता है कि अगर सरकार स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम पंक्ति के उन कार्यकर्ताओं को बूस्टर खुराक की अनुमति प्रदान कर दे, जिन्होंने आठ महीने पहले अपनी पूरी खुराक प्राप्त की थी और जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही हो। ताजा ऑर्डर देने के संबंध में निजी अस्पतालों की रफ्तार धीमी है।
फोर्टिस हेल्थकेयर के समूह प्रमुख (चिकित्सा रणनीति और परिचालन) विष्णु पाणिग्रही ने कहा कि ‘हम अपने टीका स्टॉक का बहुत ही विवेकपूर्ण तरीके से ऑर्डर करते हैं, ताकि हमारे पास कभी भी अधिक स्टॉक न हो। हम लोगों तक उनकी दूसरी खुराक के लिए भी पहुंच रहे हैं। जहां एक ओर हम भारत में अपने सभी केंद्रों में टीकाकरण जारी रखे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर वर्तमान में वॉल्यूम कम है। हम सभी पात्र वयस्कों से टीके की अपनी खुराक लेने और कोविड के संबंध में उचित व्यवहार का पालन करने का आग्रह करते हैं।’
