मोबाइल फोन पर अभी तक विज्ञापन का सबसे बड़ा जरिया एसएमएस ही रहा है। जब आपको एसएमएस मिलता है तो विज्ञापनदाता के बारे में सबसे आखिर में मालूम पड़ता है।
अब अगर यह एसएमएस के जरिये किया जा रहा है तो जाहिर है टैक्स्ट विज्ञापन ही होगा। लेकिन अब विज्ञापन के लिए एक नया प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है। यह एकदम नया तरीका कई तरह से खास है।
इसमें ग्राहक को एसएमएस की बीप साउंड भी परेशान नहीं करेगी। यहां तक कि उपभोक्ता को इस तरह से भेजे गए संदेश को पढ़ने के लिए इनबॉक्स में भी नहीं जाना होगा।
हैदराबाद की टेक्नोलॉजि कंपनी नाओ पोस(नाओ पोसिबल का संक्षिप्त रूप)ऑनलाइन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने बीप नाम का नया प्रोसेस विकसित किया है जिसके जरिये मोबाइल स्क्रीन पर ब्रांड लोगो और मिनिएचर विज्ञापन भेजे जा सकते हैं।
नाओ पोस के सीईओ अयप्पा नागुबंदी कहते हैं, ‘हमारा मकसद तस्वीरों वाला विज्ञापन प्लेटफॉर्म तैयार करना है जिससे मोबाइल फोन उपभोक्ता विज्ञापन को अपने मोबाइल की स्क्रीन पर देख सकें। अब यह विज्ञापनदाता पर निर्भर करता है कि वह कितनी देर के लिए उस विज्ञापन को दिखाना चाहता है।’
नागुबंदी इस सॉफ्टवेयर को अपनी तरह का दुनिया का पहला सॉफ्टवेयर बता रहे हैं और उन्होंने इसके पेटेंट के लिए आवेदन भी कर दिया है। यह सॉफ्टवेयर मोबाइल फोन में 112 केबी की जगह घेरेगा।
नाओ पोस ने आंध्र प्रदेश में अपने जीएसएम आधारित बीप सॉफ्टवेयर के शुरुआती परीक्षण के लिए एयरटेल के साथ गठजोड़ किया है। इस सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने के लिए उपभोक्ताओं को 100 रुपये का फ्री टॉकटाइम दिया जा रहा है।
नागाबुंदी का कहना है, ‘मोबाइल फोन इंडस्ट्री देश में तेजी से बढ़ते हुए सेक्टरों में से एक है। मई 2008 में देश में मोबाइल फोन की संख्या जहां 28 करोड़ थी वहीं 2012 तक इसके बढ़कर 73.7 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। इस तरह से मोबाइल फोन की स्क्रीन विज्ञापनों के लिए एक बहुत कारगर जरिया साबित होगी।’
फिलहाल यह कंपनी बीएसएनएल, वोडाफोन और आइडिया जैसी देसी कंपनियों से गठजोड़ की बात कर रही है वहीं मुल्क की सरहद के पार भी कदम बढ़ाने की योजना बना रही है।
इसी कदम के तहत पश्चिमी एशिया की टेलीकॉम कंपनियों से बातचीत चल रही है। कंपनी के मुताबिक जल्द ही यह बातचीत किसी नतीजे पर पहुंचने वाली हैं।