अगर आप भी आईफोन के दीवाने हैं, तो कुछ दिन इंतजार कर लीजिए। शायद उसे खरीदने के लिए आपको अपनी जेब कुछ कम हल्की करनी पड़े।
दरअसल जानकारों का मानना है कि ऐपल अपने इस शानदार फोन की बिक्री बढ़ाने के लिए भारत में उसकी कीमत 15 फीसद तक कम कर सकती है। दुनिया भर में आईफोन की तीसरी पीढ़ी के कम से कम 10 लाख हैंडसेट बिक चुके हैं। लेकिन भारत में अभी बमुश्किल 5,000 आईफोन ही बिकने का अनुमान है।
हालांकि अभी आंकड़ों की तस्वीर साफ नहीं हुई है क्योंकि इस फोन को बाजार में उतारने तक एयरटेल और वोडाफोन ने जो होहल्ला किया था, वह थम चुका है और दोनों कंपनियां चुप्पी लगा गई हैं। अनुसंधान एवं सलाहकार संस्था गार्टनर में प्रधान विश्लेषक अंशुल गुप्ता के मुताबिक ऐपल आईफोन के दाम में कम से कम 5,000 रुपये की कटौती कर सकती है।
उनका कहना है, ‘हमें लगता है कि मौजूदा दाम में तो आईफोन को वे लोग ही खरीद सकते हैं, जो ऐपल या एयरटेल, वोडाफोन की ओर से कीमतें कम होने का इंतजार नहीं कर सकते यानी फोन खरीदने के लिए जो लोग बेताब हैं। ऐपल किसी भी वक्त आईफोन के नए वर्जन का ऐलान कर सकती है। उससे पहले थ्री जी फोन का स्टॉक खत्म करने के लिए ऑपरेटरों को दाम कम करने ही होंगे।’
तीसरी पीढ़ी के आईफोन की अमेरिका में जो कीमत है, उससे तीन गुना दाम भारत में वसूला जा रहा है। इसके आठ गीगाबाइट मेमोरी वाले संस्करण की कीमत यहां 31,000 रुपये रखी गई है, जबकि 16 गीगाबाइट वाला आईफोन 36,100 रुपये में बेचा जा रहा है। माना यही जा रहा है कि इस कीमत को देखकर ही कई ग्राहक आईफोन को पीठ दिखा चुके हैं।
भारत में तकरीबन 30,000 लोग पहली पीढ़ी के आईफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। एयरटेल और वोडाफोन को उम्मीद है कि थ्री जी आईफोन को इससे ज्यादा लोग ही खरीदेंगे। लेकिन भारत में 26 करोड़ मोबाइल फोन धारकों में से कुछ गिने चुने लोग ही इतना महंगा आईफोन खरीदने की सोच रहे हैं।
आसमान छूते दाम का खामियाजा मोबाइल फोन के काले बाजार को भी भुगतना पड़ रहा है। इन व्यापारियों को भी लग रहा है कि आईफोन की कीमत उम्मीद से कहीं ज्यादा है। मुंबई के हीरा पन्ना बाजार में ऐसे ही एक डीलर ने कहा, ‘जुलाई में मैंने दूसरी पीढ़ी के 15 आईफोन बेचे थे और सभी की कीमत तकरीबन 22,000 रुपये थी।
थ्री जी आईफोन के लिए भी मेरे पास तकरीबन 20 बुकिंग आ गई थीं। लेकिन उनमें से दस अपनी बुकिंग रद्द करा चुके हैं।’ जिन्होंने बुकिंग रद्द कराई हैं, उन्होंने आईफोन खरीदने का इरादा ठंडे बस्ते में नहीं डाला है। अब वे सीधे एयरटेल और वोडाफोन से इन्हें खरीद रहे हैं क्योंकि काले बाजार में इनकी कीमत बहुत कम नहीं है।