इस साल उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं से जुड़ी हुई कंपनियां अब सूचना प्रौद्योगिकी से खुद को लैस करने की तैयारी में जुटी हुई हैं।
मसलन इस साल फिलिप्स, गोदरेज एंड बॉयसी और सैमसंग जैसी कंपनियों ने अपने कुल कारोबार का 1-5 प्रतिशत सूचना प्रौद्योगिकी पर खर्च करने का मन बनाया है। इसकी वजह यह है कि ये कंपनियां इसके जरिए अपनी क्षमता और उत्पादन में 10 से 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती हैं।
फिलिप्स सैप ग्लोबल टेम्पलेट को दुनिया भर में फैली अपनी पूरी शाखाओं में लागू करेगी। इसके जरिए कंपनी के विकास के लिए नए विचारों पर अमल किया जाएगा ताकि कारोबार में सही तरीके से बढ़ोतरी हो सके। फिलिप्स इंडिया अपने नए सैप टेम्पलेट के साथ अप्रैल 2009 से या फिर इसके बाद से नजर आने लगेगा।
फिलिप्स इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया, दक्षिण एशिया के सूचना प्रबंधन केंद्र के निदेशक संजीव कुमार का कहना है, ‘हमारी योजना सभी तरह की बुनियादी प्रक्रियाओं पर काम करने की है और लोगों को कारोबारी प्रतिभा से लैस करने की है। इसके अलावा हम ग्राहकों की मदद के लिए पूर्व योजना पर काम कर रहे हैं। हमे उम्मीद है कि सभी क्षेत्रों में 2 से 10 फीसदी का सुधार नजर आएगा जिसमें उत्पादन और क्षमता सुधार भी शामिल है।’
फिलिप्स, यूनीफाइड कम्युनिकेशन के लागू होने की प्रक्रिया का आकलन भी कर रहा है। कुमार के मुताबिक वे अपने सामान के भंडार का प्रबंधन को लेकर भी 2009 से ज्यादा सतर्क होंगे। फिलिप्स ने हाल ही में एक नई रणनीति बनाई है जिसके जरिए उनके क्षमता स्तर में सुधार तो हुआ ही है, इसके अलावा समय की भी बचत हुई है।
मसलन किसी बडे प्रोजेक्ट के लिए ऑर्डर की सहमति के लिए 15 दिनों के बजाय अब महज दो घंटे ही लगते हैं। पहली प्राथमिकता वाले ग्राहकों के लिर्ए ई-आर्डर पोर्टल की क्षमता को भी बढ़ाया गया है और वह काम अब 45 से 50 सेकंड में पूरा हो गया है। फिलिप्स के दफ्तरों और फैक्टरियों को वाई-फाई सुविधाओं से लैस किया गया है।
अब गोदरेज एंड बॉयसी की बात करें तो कंपनी की योजना आधुनिकतम सप्लाई चेन बनाने की है जिससे मांग प्रबंधन में बेहतर तालमेल बन सके। इस कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट (मार्के टिंग) का कहना है कि कंपनी की योजना अपने कारोबारी साझेदारों को बढ़ाने की भी है।
रिटेल सेक्टर में तेजी आने की वजह से सप्लाई चेन प्रबंधन को तरजीह तो दी ही जा रही है इसके अलावा आधुनिक कारोबारी पहलुओं पर गौर करने के साथ ही नए उत्पादों को लाने और बाजार में अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश भी की जा रही है। नंदी का ऐसा मानना है कि इसके जरिए बेहतर कारोबारी प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा।
नंदी का कहना है, ‘हमें उम्मीद है कि आईटी की वजह से बिक्री और सेवा के क्षेत्र में 10 से 15 प्रतिशत क्षमता का सुधार हो जाएगा। इसके अलावा 20 से 30 प्रतिशत उत्पादन क्षमता में सुधार होगा।’ गोदरेज एप्लायंस भी पूरी तरह से वाई-फाई तकनीक से लैस है। यहां हर एक कर्मचारियों को एक लैपटॉप मुहैया कराया गया है। गोदरेज ने हाल ही में ऑनलाइन सेल्स सिस्टम का इंतजाम किया है।
सैमसंग इंडिया ने भी भारत के अलावा दक्षिण एशियाई देशों में भी अपने पांव पसारने की योजना के तहत बी2बी साइट का विस्तार कर रही है। सैमसंग इंडिया, आईटी के वाइस प्रेसीडेंट-आईटी राजेश चोपड़ा का कहना है, ‘हमारी सेल्स फोर्स के लिए मोबाइल पीडीए सॉल्यूशन और रिटेल कारोबार के लिए एसएपी इंटीग्रेशन की भी योजना है। ‘