चीनी उद्योग को मजबूती प्रदान करने के लिए चीनी पर लगने वाले उपकर को मौजूदा 15 से बढ़ाकर 25 रुपये प्रति क्विंटल करने के प्रावधान वाले विधेयक को आज संसद ने मंजूरी दे दी। राज्यसभा में ‘चीनी विकास कोष संशोधन विधेयक 2008’ पर हुई संक्षिप्त चर्चा के बाद इसे लोकसभा को लौटा दिया गया।
लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। कृषि मंत्री शरद पवार ने विधेयक पर हुई चर्चा के उत्तर में बताया कि चीनी विकास कोष से चीनी मिलों को मिलने वाले धन का इस्तेमाल केवल गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान करने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों को किसानों के बकाए का भुगतान पहले करने का निर्देश दिया जाएगा तथा 14 दिनों के अंदर भुगतान न करने पर 14 फीसदी ब्याज का भुगतान करना होगा और उनकी निजी संपत्ति तथा मिल की मशीनें जब्त करने का निर्देश जिला कलेक्टरों को दिया जाएगा।
पवार ने कहा कि इसका पालन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों को अहम भूमिका निभानी होगी। पवार ने बताया कि कोष के तहत मिलों को दो किस्तों में राशि प्रदान की जाएगी। पहली किस्त के तहत मिली राशि से किसानों के बकाए के भुगतान के प्रमाणपत्र पेश करने के बाद ही मिलों को दूसरी किस्त की राशि मिलेगी। उन्होंने साथ ही कहा कि पिछले चार पांच साल से बंद पड़ी मिलों को इसका फायदा नहीं होगा और उन्हें कोई राशि नहीं दी जाएगी।