हवाई ईंधन (एटीएफ) के दामों में बढ़ोतरी के साथ उड़ानों के भी महंगी होने की उम्मीद है। घरेलू मेट्रो रूट की उड़ानों और लंबी उड़ानों के किराए में 10-14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी।
कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों के पिछले कुछ महीनों में हुई बढ़ोतरी के दबाव में तेल कंपनियों ने हवाई ईंधन की कीमतें 14 प्रतिशत बढ़ा दी हैं।अब जेट एयरवेज और स्पाइस जेट सहित तमाम एयरलाइंस इस भार से बचने के लिए अतिरिक्त सरचार्ज लगाए जाने पर विचार कर रही हैं। इसमें छोटे रूट की तुलना में लंबे रूटों पर ज्यादा बढ़ोतरी पर विचार किया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली-मुंबई, मुंबई-बेंगलुरु और कोलकाता-चेन्नई जैसे रूटों के किराए के सरचार्ज में 350 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। वर्तमान दर 1650 रुपये है। छोटे रूट जैसे मुंबई-पुणे और दिल्ली-जयपुर के सरचार्ज में 150 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। जेट एयरवेज के एमआईएस इंवेस्टमेंट रिलेशंस के जनरल मैनेजर केजी विश्वनाथ ने कहा कि ‘हम 7 अप्रैल से सरचार्ज लगाने जा रहे हैं। यह सरचार्ज गर्मी के मौसम के टिकटों पर लागू होगा।’
स्पाइस जेट के अधिकारी ने कहा, ‘हम भी सरचार्ज के रूप में 18,00-2,000 रुपये लगाने पर विचार कर रहे हैं।’ कम किराए वाली एयरलाइंस में इंडिगो और गो-एयर भी इसी तरह की सोच रखती हैं।बहरहाल किंगफिशर और स्पाइस जेट, हैदराबाद और कोच्चि एयरपोर्टों पर कम सरचार्ज लगाने पर विचार कर रहे हैं।
उनका मानना है कि आंध्र प्रदेश और केरल में हवाई ईंधन पर बहुत कम (4 प्रतिशत) बिक्री कर लिया जाता है, इसका लाभ यात्रियों को मिलना चाहिए। किंगफिशर एयरलाइंस के वाइस प्रेसीडेंट हितेश पटेल ने कहा, ‘हमने अभी फ्यूल सरचार्ज के बारे में अभी तक विचार नहीं किया है। हम अन्य एयरलाइंस के रुख की प्रतीक्षा कर रहे हैं। लेकिन यह सही है कि हम हैदराबाद और कोच्चि एयरपोर्टों को विशेष मामले के रूप में देख रहे हैं।’
विश्लेषकों का कहना है कि घरेलू उड़ानों में इस समय गिरावट का रुख है और किराये में किसी भी तरह की बढ़ोतरी इस उद्योग पर बुरा असर डालेगी। एक विश्लेषक का कहना है कि इससे पीक सीजन की बुकिंग में भी 3-5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। अर्नेस्ट ऐंड यंग के एवियेशन सेक्टर के हिस्सेदार कपिल अरोड़ा ने कहा, ‘हवाई यातायात के किराए में किसी भी तरह की बढ़ोतरी यात्रियों की संख्या को प्रभावित करेगी।
इससे इस क्षेत्र के भविष्य के कारोबार पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। खासकर आराम और छुट्टियां बिताने के लिए हवाई यात्रा करने वालों की संख्या में खासी कमी आएगी, क्योंकि इस तरह के यात्रियों पर किराया बढ़ने का असर ज्यादा होता है। हवाई ईंधन के दामों में बहुत ही ज्यादा बढ़ोतरी होने का अनुमान है, इसका असर कम रहेगा, क्योंकि यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।