अप्रैल
पिछले सप्ताह राज्यों को भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि एनआरईजीपी के लागू होने के साथ ही एसजीआवाई को जारी नहीं रखा जा सकता। एनआरईजीपी को 1 अप्रैल से देश के सभी जिलों में लागू होना है। इस पत्र में यह भी कहा गया है कि जैसे ही एनआरईजीपी लागू होगा, इन राज्यों को अगले वित्तीय वर्ष से एसजीआरवाई के तहत आबंटित राशि बंद कर दी जाएगी।
मंत्रालय ने सख्त निर्देश दिया है कि इस वित्तीय वर्ष के 31 मार्च 2008 तक एसजीआरवाई के तहत आने वाली योजनाओं के सारे काम निपटा लिए जाएं ,क्योंकि इसके बाद सिर्फ एनआरईजीपी के मद में ही बजट में राशि आबंटित की जाएगी। इस पत्र में कहा गया है कि एसजीआरवाई के तहत जो राशि खर्च नहीं हो पाएगी, उसे एनआरईजीपी के मद में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
पहले और दूसरे चरण में एसजीआरवाई के तहत इस कार्यक्रम को पूरा करने के लिए समय विस्तार दिया गया था
, लेकिन इस बार 31 मार्च के बाद इस समय सीमा में किसी तरह का विस्तार नहीं किया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि इस योजना को बंद करने का मतलब है कि जितना भी काम हो चुका होगा, उसी स्थिति में उस योजना को बंद किया जाएगा। इसकेबाद बंद हो चुके कामों के लिए भुगतान कर दिया जाएगा और इस योजना को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। इस पत्र में यह चेतावनी दी गई है कि 31 मार्च के बाद एसजीआरवाई के तहत होने वाले खर्च का वहन राज्यों को स्वयं करना होगा।इस योजना के तहत जो काम अधूरा रहेगा उसे एनआरईजीपी के तहत नये प्रोजेक्ट के तौर पर स्वीकार किया जाएगा। इसके बाद एसजीआरवाई के तहत बचे इस काम को ग्राम सभा और पंचायती राज्य संस्थाओं से इस बात की अगर स्वीकृति मिलती है कि ये बचे काम एनआरईजीपी के तहत आने योग्य है तब इसके लिए राशि आबंटित की जाएगी। अगर ये बचे हुए काम एनआरईजीपी के तहत नही आ पाएं तो राज्यों को इसके खर्च का वहन खुद से करना होगा।