सरकार निजी कंपनियों द्वारा विकसित किए जाने वाले सभी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट परियोजनाओं के लिए आदर्श सुविधा समझौता करने की तैयारी में है।
यह समझौता अगले दो सप्ताह में हो जाने की उम्मीद है।उड्डयन मंत्रालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘मूल रूप से यह मॉडल निजी डेवलपर्स के लिए अधिकारों के पारदर्शी आवंटन और तौर तरीके निर्धारित करने के लिए तैयार किया जा रहा है। यह निजी पार्टियों के लिए बोली लगाने से पहले एयरपोर्ट परियोजनाओं के बारे में जानकारी देगा।’ इस दस्तावेज में परियोजना के लिए जमीन और यातायात की क्षमता के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
मूल अवधारणा सभी एयरपोर्टों के लिए एक समान रहेगी, जबकि कुछ जानकारियां परियोजना विशेष पर निर्भर करेंगी। अधिकारी ने कहा, ‘बहरहाल बोली की प्रक्रिया के दौरान ही परियोजना में हिस्सेदारी और उस पर आने वाले खर्च के हिस्से के बारे में तय किया जाएगा। इसके बारे में सुविधा समझौते में कोई जानकारी नहीं रहेगी।’
हाल ही में हैदराबाद और बेंगलुरु में दो ग्रीनफील्ड परियोजनाएं और दिल्ली में चली ब्राउनफील्ड परियोजना में बड़े मतभेद उभरकर सामने आए हैं। यह मतभेद निजी डेवलपर्स के साथ हुए समझौते में खामियों की वजह से आए। हैदराबाद और बेंगलुरु में पुराने एयरपोर्टों के बंद किए जाने को लेकर भी जबर्दस्त प्रदर्शन हुए। यह विवाद इसलिए उभरकर सामने आया कि डेवलपर्स के साथ हुए समझौते में स्पष्ट रूप से लिखा गया था कि नए एयरपोर्टों से 150 किलोमीटर की परिधि में कोई दूसरा एयरपोर्ट नहीं होगा।
दिल्ली में एयरपोर्ट बनाने के लिए बने दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड उस समय विवादों के घेरे में आ गया जब वह कुल राजस्व के 46 प्रतिशत हिस्से में बंटवारा के लिए तैयार नहीं हुआ, जब एयरपोर्ट परियोजना के इलाके में रियल एस्टेट विकसित करने के लिए धन जमा हुआ।