दूरसंचार सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को ग्रामीण इलाकों में सेवाएं उपलब्ध कराने के संबंध में प्रोत्साहित करने के मकसद से सरकार एक नई योजना बना रही है।
जिसके तहत सरकार विशेषकर निजी कंपनियों के फिक्स्ड लाइन टेलीफोन को लाइसेंस शुल्क से मुक्त करने की योजना बना रही है। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में दूरसंचार मंत्री ए. राजा ने बताया कि दूरसंचार आयोग को फिक्स्ड लाइन टेलीफोन को लाइसेंस शुल्क से मुक्त करने पर विचार करने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि देश में दूरसंचार का घनत्व 25 फीसदी है, इसके बावजूद 70 फीसदी आबादी के पास टेलीफोन की सुविधा नहीं है। ऐसे में सभी दूरसंचार कंपनियों से राजा ने अपील की कि वे आगे आएं और गांवों को दूरसंचार सेवा से जोड़ें। इसके लिए सरकार की ओर से हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी।
सरकार की इस घोषणा से सबसे ज्यादा फायदा सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल को होगा, क्योंकि करीब 90 फीसदी फिक्स्ड लाइन कनेक्शन पर बीएसएनएल का कब्जा है। निजी क्षेत्र की कंपनी भारती एयरटेल ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया और कहा कि फिक्स्ड लाइन टेलीफोन सेवाओं को प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है और इस पर करों का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए।
भारती एयरटेल के सुनील मित्तल ने कहा कि फिक्स्ड लाइन टेलीफोन सेवाओं को फंड उपलब्ध कराया जाना चाहिए और ऑपरेटरों पर लाइसेंस शुल्क जैसे करों का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं के बारे में राजा ने कहा कि अगली पीढ़ी की 3 जी सेवाओं के शुरू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं के विस्तार में काफी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों के लिए 3 जी समृध्द मल्टीमीडिया के जरिए लोगों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराएगा, वहीं ग्रामीण इलाकों में भी इसका अहम योगदान होगा। 3 जी स्पेक्ट्रम पर स्पष्टीकरण के लिए सिफारिशों को ट्राई के पास वापस भेज दिया गया है।
सरकार कर रही फिक्स्ड लाइन के लिए लाइसेंस शुल्क खात्मे पर विचार
इससे ग्रामीण इलाकों में दूरसंचार सेवा के विस्तार में मिलेगी मदद
सरकार ने प्राइवेट ऑपरेटरों से ग्रामीण इलाकों में सेवा मुहैया कराने की अपील की