देश की सुरक्षा को लेकर ब्लैकबेरीसेवाओं पर उठ रहे विवाद की आग को शांत करने और इस पर गहरी नजर रखने के लिए दूरसंचार मंत्रालय ने एक अंतरमंत्रालयीय समिति बनाने का फैसला किया है।
यह समिति न सिर्फ देश में ब्लैकबेरी सेवाओं की रूप-रेखा तैयार करेगी बल्कि इन सेवाओं से जुड़े फैसले भी लेगी। समिति के सदस्यों में मोबाइल सेवा ऑपरेटर कंपनियों के प्रतिनिधि तो होंगे ही, गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाएगा, जो इस सेवा से जुड़े सुरक्षा पहलुओं पर पैनी नजर रखेंगे।
संचार भवन में बुधवार को दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में इसका फैसला लिया गया। सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के साथ आयोजित बैठक में सीओएआई के सदस्य टीवी रामचंद्रन, एयरटेल केसीईओ मनोज कोहली और आइडिया के प्रबंध निदेशक संजीव आगा भी शामिल थे।
इस बैठक में अन्य टेलीकॉम कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया था। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि सुरक्षा मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि को भी समिति में शामिल कि या जाए। बैठक में सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मामलों पर चर्चा की गई।
क्या है समस्या
इस सेवा के तहत भेजे जाने वाले आंकड़ों (ई-मेल और एसएमएस) की पैकेजिंग कोड के रूप में होती है, जिसे डीकोड करने के लिए विशेष तकनीक की जरूरत होती है। इस वजह से असामाजिक तत्वों द्वारा इसका फायदा उठाए जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है।