अनिल धीरुभाई अंबानी समूह की एंटरटेनमेंट कंपनी ऐडलैब्स फिल्म्स की कायापलट होने जा रही है।
मंदी के दौर की फिक्र न करते हुए देश की सबसे बड़ी सिनेमा चेन कंपनी ऊंची उड़ान भरने की तैयारी में है। इसी कवायद के तहत इसमें कुछ तब्दीलियां भी होने जा रही हैं। सबसे पहले तो इसका नाम ही बदल दिया गया है। ऐडलैब्स सिनेमाज अब ‘बिग सिनेमाज’ हो गई है।
बिग सिनेमा मनोरंजन के फलक पर बड़ी इबारत लिखने जा रहा है, कंपनी का नया नारा भी यही इशारा करता नजर आ रहा है। बिग सिनेमाज ने नया नारा दिया है, बिग सिनेमाज के साथ- ‘ अब बड़ा मजा आएगा’।
कायापलट की यह योजना दिवाली के दिन (28 अक्टूबर) से ही शुरू हुई। इस पर तकरीबन 6 से 7 करोड़ रुपये खर्चने की उम्मीद की जा रही है। कंपनी के देश भर में 73 सिनेमा हैं जिनमें 176 स्क्रीन और 71,000 सीटें हैं। ये आंकड़े कंपनी को मनोरंजन क्षेत्र की प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर स्थापित करने के लिए काफी हैं।
बिग सिनेमाज की दुनिया भर में 400 स्क्रीन हैं जिनमें से 200 तो अमेरिका में ही हैं। इसके अलावा 51 मलेशिया और और छह (ग्रीनफिल्ड) मॉरिशस में हैं। बिग सिनेमाज नाम के नए ब्रांड को सिंगापुर की अंतरराष्ट्रीय क्रिएटिव एजेंसी बोन्से डिजाइन ने तैयार किया है।
इस नये ब्रांड के बाबत इसके मुख्य परिचालन अधिकारी तुषार धींगरा कहते हैं कि नया नाम आकर्षक तो है ही साथ ही ताजगी का भी एहसास करता है। इसके अलावा समूह की फिलॉसफी ‘थिंग बिग, थिंग बैटर’ (बड़ा सोचो, बेहतर सोचो) से भी नया ब्रांड नाम मेल खाता है। कंपनी का अनुमान है कि अगले साल उसके थियेटरों में 30 लाख से भी ज्यादा दर्शक फिल्म देखने आएंगे।
ये तो हुई नई ब्रांड की बात। कंपनी ने मनोरंजन के मैदान में छा जाने के लिए कुछ और बड़ी योजनाएं भी बनाई हैं। बिग सिनेमाज लुधियाना, चंडीगढ़, लखनऊ, मुंबई, हैदराबाद, दिल्ली, बेंगलुरू और चेन्नई जैसे शहरों में 8 मेगाप्लेक्स बनाने जा रही है। मेगाप्लेक्स को मल्टीप्लेक्स का बाप कह सकते हैं। एम मल्टीप्लेक्स में जहां आमतौर पर 5 से 6 स्क्रीन होती हैं वहीं मेगाप्लेक्स 18 से 20 स्क्रीनों वाला होता है। एक तरह से यह मनोरंजन का बड़ा मैदान होता है। कंपनी ने इन मेगाप्लेक्सों को बनाने के लिए जमीन का बंदोबस्त करना भी शुरू कर दिया है।
धींगरा कहते हैं, ‘जमीन की लीज को लेकर अलग-अलग तरह से बात चल रही है। कहीं पर मुनाफे में हिस्सेदारी को लेकर सहमति बन रही है तो कहीं पर जमीन के लिए पूरा किराया चुकाना पड़ रहा है।’ दरअसल इस मामले में अलग-अलग राज्यों की नीतियां भी अहम भूमिका निभाएंगी।उदाहरण के लिए पंजाब की बात करते हैं। राज्य सरकार ने 10 लाख वर्ग फीट में बनने वाले मेगा मॉल और कम से कम 10 स्क्रीन वाले मेगाप्लेक्स के लिए 10 साल तक कर माफ किया हुआ है।