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Adani मामले में केंद्र विशेषज्ञ समिति गठित करने के सुप्रीम कोर्ट के प्रस्ताव से सहमत

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भाषा
Last Updated- February 13, 2023 | 5:52 PM IST

केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि शेयर बाजार के लिए नियामकीय तंत्र को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने प्रस्ताव को लेकर उसे कोई आपत्ति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट के मामले की सुनवाई कर रहा था।

केंद्र सरकार ने हालांकि मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि व्यापक हित को देखते हुए वह सीलबंद लिफाफे में समिति के लिए विशेषज्ञों के नाम और उसके कार्यक्षेत्र की जानकारी देना चाहती है।

केंद्र सरकार और की SEBI ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बाजार नियामक और अन्य वैधानिक इकाइयां हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद उपजी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘सरकार को समिति बनाने में कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन विशेषज्ञों के नामों का सुझाव हम दे सकते हैं। हम सीलबंद लिफाफे में नाम सुझा सकते हैं।’

मेहता ने आशंका जताई कि पैनल की स्थापना पर किसी भी ‘अनजाने’ संदेश का धन प्रवाह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। शीर्ष अदालत ने निवेशकों को नुकसान पहुंचाने और अदाणी समूह के शेयरों को कृत्रिम तरीके से गिराने संबंधी दो जनहित याचिकाओं (PIL) की शुक्रवार सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी समूह के शेयर बाजारों में गिरावट की पृष्ठभूमि में 10 फरवरी को कहा था कि भारतीय निवेशकों के हितों की रक्षा की जरूरत है। न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित कर नियामकीय तंत्र को मजबूत करने के लिए विचार करने के लिए कहा था।

First Published : February 13, 2023 | 5:52 PM IST