मई के आखिरी सप्ताह में भारी 22 प्रतिशत की तेजी के बाद भारत की सबसे बड़ी क्विक सर्विस रेस्टोरेंट (क्यूएसआर) कंपनी जुबिलैंट फूडवर्क्स का शेयर तब से एक-तिहाई घट चुका है। जहां आक्रामक स्टोर विस्तार योजनाएं, नए मुख्य कार्याधिकारी की नियुक्ति वृद्धि के नजरिये से सकारात्मक हैं, वहीं मार्जिन को लेकर चिंताओं से इस शेयर पर अल्पावधि में दबाव बना रह सकता है। इन चिंताओं को देखते हुए बोकरों ने इस कंपनी के मुनाफे के अनुमान में संशोधन किया है।
ऐक्सिस कैपिटल के आनंद शाह के नेतृत्व में विश्लेषकों ने कंपनी के अपने वित्त वर्ष 2023 के आय अनुमानों में 16 प्रतिशत तक की कटौती की है और कीमत लक्ष्य मार्च तिमाही नतीजों के बाद 750 रुपये से घटाकर 630 रुपये कर दिया है। कीमत लक्ष्य में कटौती कच्चे माल में महंगाई, वित्त वर्ष 2023 के लिए स्टोर बिक्री वृद्धि में कमी को देखते हुए की गई है। कंपनी ने मार्च तिमाही में 25 प्रतिशत का परिचालन मुनाफा मार्जिन दर्ज किया और यह सालाना आधार पर 73 आधार अंक तक ज्यादा था, जबकि तिमाही आधार पर 158 आधार अंक कम था। सालाना आधार पर कुछ तेजी परिचालन दक्षता की वजह से दर्ज की गई और कंपनी ने 13 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि दर्ज की।
कंपनी के निवर्तमान मुख्य कार्याधिकारी प्रतीक पोटा ने निवेशकों के साथ बातचीत में स्पष्ट किया कि कंपनी को पिछली तिमाही के दौरान जिंसों, ईंधन और अन्य लागत में वृद्धि की वजह से दबाव का सामना करना पड़ा है। हालांकि इसकी भरपाई व्यावसायिक दक्षताओं और उत्पादकता में वृद्धि और कीमत वृद्धि को संतुलित कर हो गई थी। कंपनी ने दिसंबर तिमाही में 5-6 प्रतिशत की कीमत वृद्धि की और इस साल अप्रैल में समान मात्रा में कीमतें बढ़ाईं। प्रबंधन का मानना है कि वह अपने पोर्टफोलियो में नेटवर्क विस्तार के लिए निवेश वृद्धि के बावजूद मौजूदा मार्जिन राह बरकरार रख सकता है।
मैक्वेरी कैपिटल सिक्योरिटीज के अवि मेहता और शशांक कृष्णकुमार वित्त वर्ष 2023 के लिए हालांकि प्रबंधन के सपाट मार्जिन प्रदर्शन अनुमान पर सहमत नहीं हैं। उन्होंने भविष्य में ऐतिहासिक रुझानों, स्टोर विस्तार और डाइन-इन रिकवरी को लेकर मार्जिन दबाव का संकेत दिया है। पिछले खाद्य मुद्रास्फीति चक्र (वित्त वर्ष 2012-17) में भारी कीमत वृद्धि दर्ज और प्रतिस्पर्धी दबाव दर्ज किया गया जिससे सौदों की मात्रा में नरमी आई और इससे कंपनी को अपने एसएसएस-ग्रोथ और मार्जिन अनुमान में बदलाव के लिए बाध्य होना पड़ा। उनका कहना है कि10 प्रतिशत से ज्यादा कीमत वृद्धि से अक्सर मार्जिन में कमजोरी का संकेत मिलता है।
कंपनी के स्टोरों की संख्या में तेजी की वजह से लागत को बढ़ावा मिल सकता है। तिमाही में शानदार 80 प्रतिशत डोमिनोज पिज्जा स्टोर वृद्धि के बाद कुल संख्या वित्त वर्ष के अंत तक बढ़कर 1,567 हो गई और कंपनी वित्त वर्ष 2023 में अपने पिज्जा नेटवर्क में 250 अन्य स्टोर जोड़ने की योजना बना रही है। इस स्टोर वृद्धि से उसके मौजूदा आधार में 15 प्रतिशत का इजाफा होगा। कंपनी चालू वित्त वर्ष में पोपी के 25-30 स्टोर भी खोल रही है। जुबिलैंट ने मध्यावधि में 3,000 स्टोरों का लक्ष्य रखा है, जो मौजूदा नेटवर्क के मुकाबले दोगुना है और ज्यादा तेज विस्तार की संभावना नहीं दिख रही है क्योंकि प्रतिस्पर्धी कंपनियां भी अपनी उपस्थिति बढ़ा रही हैं। वित्त वर्ष 2022 में 250 स्टोर खोलने के बाद, देवयानी इंटरनैशनल (पिज्जा हट, केंचुकी फ्रायड चिकन फ्रेंचाइजी) ने वित्त वर्ष 2023 में 200-250 स्टोरों का लक्ष्य रखा है। इसी तरह, रेस्टोरेंट ब्रांड्स एशिया (पूर्व में बर्गर किंग इंडिया नाम से चर्चित) भी अपने स्टोरों की संख्या वित्त वर्ष 2024 में मौजूदा 315 से 50 प्रतिशत तक बढ़ा रही है। एलारा कैपिटल के अनुसार, अनुकूल किराया सौदों, महामारी के बाद असंगठित से संगठित क्षेत्र में मांग बढ़ने से और नए शहरों और कस्बों में विस्तार से इन नए स्टोरों को मदद मिलेगी।
हालांकि ऐक्सिस सिक्योरिटीज का मानना है कि ज्यादा तेज गति से विस्तार अनुमानों की वजह से परिचालन मुनाफा मार्जिन पर कुछ दबाव पड़ेगा। तेज विस्तार को देखते हुए, दलाल पथ भी नए मुख्य कार्याधिकारी समीर खेत्रपाल के तहत क्रियान्वयन पर भी नजर लगाए रहेगा। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि डाइन-इन सेगमेंट के जरिये रिकवरी से लागत को सामान्य बनाए (जुबिलैंट के डिलिवरी केंद्रित मॉडल के मुकाबले) के साथ साथ बढ़ती प्रतिस्पर्धा से भी मार्जिन पर दबाव पड़ेगा। फिलहाल मार्जिन मौजूदा नई ऊंचाई पर हैं।
मौजूदा कीमतों पर यह शेयर अपने वित्त वर्ष 2024 के आय अनुमानों के 53 गुना पर कारोबार कर रहा है। जहां बिक्री स्टोर वृद्धि से बढ़ी है, वहीं कीमत वृद्धि मजबूत रहने की संभावना है, इसलिए निवेशकों को इस शेयर पर विचार करने से पहले लाभकारी वृद्धि/सुधरते मार्जिन रुझानों का इंतजार करना चाहिए।
