आजकल कर्ज देने वाले गैर-कानूनी ऐप्लिकेशन का खतरा बढ़ता ही जा रहा है, जिन्हें आम तौर पर चीनी लोन ऐप भी कहा जाता है। सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पैनी नजर भी इन ऐप्स पर लगी हुई है। इसी साल जनवरी-फरवरी में आरबीआई के एक कार्य समूह को पता चला था कि विभिन्न स्टोर्स पर मौजूद ऐसे 1,100 ऐप्स में से करीब 600 गैर-कानूनी हैं। इस आफत से निपटने के लिए आरबीआई ने हाल ही में कानूनी तौर पर सही ऐप्स की एक सूची तैयार करने का फैसला किया।
इसके बाद यह पक्का करना इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का जिम्मा होगा कि इस सूची में शामिल ऐप्स ही ऐप स्टोर्स पर मौजूद रहें। गैर-कानूनी ऐप्स का काम का तरीका भी बहुत खतरनाक है। सबसे पहले तो ये आसानी से कर्ज देने के नाम पर अपने शिकार को लुभाते हैं। एक बार कर्ज लेने के लिए राजी होने पर उसकी मजबूरी का फायदा उठाते हुए वे भारी भकरम ब्याज वसूलते हैं, ऊंचा प्रोसेसिंग शुल्क लेते हैं और कई बार कुछ छिपे शुल्क भी होते हैं। जो कर्जदार वक्त पर बकाया नहीं चुका पाते हैं, उन पर बहुत अधिक जुर्माना लगाया जाता है और उन्हें परेशान भी किया जाता है। इनमें से कुछ ऐप्स तो कर्जदार के फोन से परिचितों के फोन नंबर और दूसरी जानकारी भी चुरा लेते हैं और बाद में उनका इस्तेमाल कर उसे ब्लैकमेल करते हैं।
जांच लें वैधता
किसी भी डिजिटल लोन ऐप से कर्ज लेने से पहले जांच लें कि वह सही और वैध है या नहीं। वनस्पैन में कंट्री मैनेजर (भारत एवं सार्क) पिनाकिन दवे कहते हैं, ‘सबसे पहले देखिए कि वह ऐप आरबीआई के पास पंजीकृत है या नहीं। अगर उसका पंजीकरण नहीं है, उसकी सुरक्षित वेबसाइट नहीं है और न ही किसी जगह का पता दिया गया है तो इस बात का पूरा अंदेशा है कि वह धोखाधड़ी करने वाला ऐप है।’
अगर ऐप आपसे आपकी निजी जानकारी मांग रहा है तो भी आपको खबरदार हो जाना चाहिए। फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट (फेस) की मुख्य कार्य अधिकारी सुगंध सक्सेना आगाह करती हैं, ‘अगर आपने कोई लोन ऐप डाउनलोड किया हो और उसके फौरन बाद वह आपसे आपके कॉन्टैक्ट और फोटो गैलरी के इस्तेमाल की इजाजत मांगता है तो एकदम सतर्क हो जाइए।’
आसान कर्ज का जाल
धोखाधड़ी करने वाले ऐसे ऐप्स कर्ज मांगने वालों को बहुत कम कागजों की जरूरत बताकर लुभाते हैं। जिन्हें पैसे की बहुत जरूरत है और फौरन कर्ज चाहिए, उन्हें ऐसे ऐप तुरंत भा जाते हैं। ऐंड्रोमेडा लोन्स और अपनापैसा डॉट कॉम के कार्यकारी चेयरमैन वी स्वामीनाथन की सलाह है, ‘ऐसे किसी भी ऐप से कर्ज लेने से बचिए, जो आपके बारे में छानबीन और सत्यापन के लिए दस्तावेज ही नहीं मांगता। कर्ज देने वाली जो कंपनी सही होगी, वह आपके कर्ज चुकाने के पिछले रिकॉर्ड और क्रेडिट स्कोर को जरूर जांचेगा और उसी के आधार पर तय करेगा कि आप कितना कर्ज वापस लौटा सकते हैं और उसी हिसाब से आपकी ब्याज दर भी तय की जाएगी। अगर कर्ज देने वाला ऐप आपसे क्रेडिट हिस्ट्री नहीं पूछता तो उसके फर्जी या धोखेबाज होने की पूरी आशंका है।’
सक्सेना कहती हैं कि अगर ऐप बहुत जल्दी कर्ज की रकम खाते में भेजने का वादा करता है और कर्ज की शर्तें जैसे ब्याज दर, अदायगी की अवधि आदि के बारे में ठीक से नहीं बताता तो भी आपको कदम पीछे खींच लेने चाहिए। कर्ज चाहने वालों को ऐसे ऐप्स से भी दूरी बरतनी चाहिए, जो कुछ अग्रिम रकम मांगते हैं। दवे कहते हैं, ‘सही ऐप कभी ऐसा नहीं करेंगे।’
रखें इन बातों का ध्यान
कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले उसके बारे में पूरी छानबीन कर लें। सक्सेना कहती हैं, ‘पता कीजिए कि बैंक या एनबीएफसी और कर्ज देने वाली ऐप वाकई आपस में जुड़ी हैं या नहीं। इसके लिए ऐप पर दिए गए बैंक या एनबीएफसी की वेबसाइट पर जाकर पता कर सकते हैं। यदि वेबसाइट पर ऐप का नाम ही नहीं है तो कर्ज मत लीजिए।’
कर्ज मांगने वालों को अपने फोन में मौजूद निजी जानकारी के इस्तेमाल की इजाजत भी उस ऐप को नहीं देनी चाहिए। दवे खबरदार करते हुए कहते हैं, ‘धोखाधड़ी करने वाले इन अतिरिक्त परमिशन का इस्तेमाल कर यूजर्स की जानकारी ले लेते हैं और बाद में उसी के जरिये उन्हें ब्लैकमेल करते हैं।’
इसलिए सुरक्षा प्रदान करने वाला कोई सॉफ्टवेयर जरूर फोन में इंस्टॉल कर लें। दवे सुझाते हैं कि ग्राहकों को अपने डिवाइस पर भरोसेमंद मैलवेयर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर लेना चाहिए और उसे अपडेट करते रहना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि ऐप गूगल प्ले स्टोर और ऐपल स्टोर जैसी भरोसेमंद जगह से ही डाउनलोड की जाए।
पहले ही फंस गए तो
जो लोग पहले ही इन अवैध ऐप्स के जाल में फंस गए हैं और वसूली के लिए एजेंट जिन्हें परेशान कर रहे हैं, उन लोगों को फौरन शिकायत दर्ज करानी चाहिए। सक्सेना समझाती हैं, ‘बचने के लिए पास के पुलिस थाने और पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ में फौरन शिकायत दर्ज कराएं।’ मगर कानूनी रास्ते पर समय भी लगता है और पैसा भी खर्च करना पड़ता है. स्वामीनाथन कहते हैं, ‘लोन ऐप को चुकाया गया पैसा दीवानी या उपभोक्ता अदालतों के जरिये वापस पाना बहुत लंबा और थकाऊ काम होता है। हालांकि ऐसा काम करने वालों को फौजदारी कार्यवाही के जरिये सजा दिलाई जा सकती है मगर यह पक्का नहीं होता कि उपभोक्ता को उसका धन वापस मिल ही जाए।’
ढूंढिए दूसरे रास्ते
अगर आपको फौरन धन की जरूरत है तो आप कर्ज के दूसरे रास्ते आजमा सकते हैं। स्वामीनाथन की सलाह है, ‘बैंक से झटपट मिलने वाला पर्सनल लोन लेने की कोशिश करें या सोना गिरवी रखकर कर्ज ले लें। पर्सनल लोन अक्सर एक दिन में ही मंजूर हो जाता है। गोल्ड लोन में आप सोना गिरवी रख रहे हैं, इसलिए वह भी बहुत जल्द मिल जाता है।’
