वित्त-बीमा

बढ़ती ब्याज दरों के कारण फिक्स्ड डिपॉजिट को लेकर बढ़ा क्रेज: RBI

कुल बैंक जमाओं में ऐसे निवेश माध्यमों की हिस्सेदारी दिसंबर, 2023 में बढ़कर 60.3 प्रतिशत हो गई है।

Published by
भाषा   
Last Updated- March 03, 2024 | 4:15 PM IST

बढ़ती ब्याज दरों के कारण पहले से अधिक लोग फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाओं (FDs) की ओर आकर्षित हो रहे हैं। कुल बैंक जमाओं में ऐसे निवेश माध्यमों की हिस्सेदारी दिसंबर, 2023 में बढ़कर 60.3 प्रतिशत हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। यह आंकड़ा मार्च, 2023 में 57.2 प्रतिशत था।

अप्रैल-दिसंबर, 2023 के दौरान कुल जमाओं में जो वृद्धि हुई, उसमें फिक्स्ड डिपॉजिट की हिस्सेदारी लगभग 97.6 प्रतिशत थी। इस दौरान चालू खाता और बचत खाता (सीएएसए) जमा की हिस्सेदारी में गिरावट हुई।

RBI ने अपनी ‘तिमाही आधारभूत सांख्यिकी विवरणियां (बीएसआर)-2: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में जमाएं – दिसंबर 2023’ में यह जानकारी दी। इसमें कहा गया कि फिक्स्ड डिपॉजिट पर बढ़ता प्रतिफल बैंक जमाओं में संरचनात्मक बदलाव ला रहा है। कुल जमाओं में फिक्स्ड डिपॉजिट की हिस्सेदारी मार्च, 2023 के 57.2 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर, 2023 में 60.3 प्रतिशत हो गई।

Also read: Flipkart ने लॉन्च की खुद की UPI सर्विस, Amazon, Paytm और PhonePe से होगी टक्कर!

RBI ने आगे कहा कि अधिक ब्याज दर वाली श्रेणी में धनराशि जमा की जा रही है। कुल फिक्स्ड डिपॉजिट में सात प्रतिशत से अधिक ब्याज दर वाली फिक्स्ड डिपॉजिट की हिस्सेदारी दिसंबर, 2023 में बढ़कर 61.4 प्रतिशत हो गई। यह आंकड़ा इससे एक तिमाही पहले 54.7 प्रतिशत और मार्च, 2023 में 33.7 प्रतिशत था।

First Published : March 3, 2024 | 4:15 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)