रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक की शुरुआत हो चुकी है। आरबीआई की ये बैठक बुधवार से शुरू हुई थी। देश में जिस तरह से लगातार महंगाई बढ़ रही है उसके हिसाब से कयास लगाए जा रहे हैं कि शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में 0.50 फीसदी की एक और वृद्धि करने का फैसला आ सकता है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति का फैसला 30 सितंबर को आएगा।
वहीं, भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय बाजारों ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। विशेष रूप से रुपया बाजार में, यहां पर आरबीआई के हस्तक्षेप का समर्थन करना बाजार के लिए अच्छा रहा है।
वहीं मिगसन ग्रुप के प्रबंध निदेशक यश मिगलानी ने कहा, “आरबीआई मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए कुछ आधार अंकों की वृद्धि कर सकता है। इस समय आरबीआई अप्रत्यक्ष रूप से सभी क्षेत्रों को फायदा पहुंचाने के लिए रेपो दर में कुछ बदलाव करेगा।’’
ऐसा भी अंदेशा है कि रेपो रेट दर में बढ़ोतरी करने से होम लोन की दरें अपने उच्चस्तर पर पहुंच सकती हैं।
वहीं आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी को लेकर उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि अमेरिका समेत कई अन्य केंद्रीय बैंकों के ब्याज दरों में आक्रामक रूप से वृद्धि के बीच आरबीआई नीतिगत ब्याज दरों में कम से कम 0.35 से 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है।
गौरलतब है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो दर में मई से लेकर अब तक 1.40 फीसदी की वृद्धि की है।
